Challenges Faced by Small Transporters in Gonda Need for Parking and Support बोले गोण्डा : छोटे ट्रांसपोर्टरों के लिए वाहन पार्किंग न होना बड़ी समस्या, Gonda Hindi News - Hindustan
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बोले गोण्डा : छोटे ट्रांसपोर्टरों के लिए वाहन पार्किंग न होना बड़ी समस्या

Gonda News - गोंडा जिले में छोटे ट्रांसपोर्टरों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। उचित पार्किंग की व्यवस्था न होने के कारण उन्हें पुलिस की सख्ती का सामना करना पड़ता है। महंगाई के कारण उनकी आमदनी में गिरावट...

Newswrap हिन्दुस्तान, गोंडाMon, 6 Oct 2025 05:27 PM
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बोले गोण्डा : छोटे ट्रांसपोर्टरों के लिए वाहन पार्किंग न होना बड़ी समस्या

जिले में शोरूम और दुकानों से घर या बाजार तक अधिकांश सामान छोटे मालवाहक वाहनों से पहुंचाए जाते हैं। विभिन्न एजेंसियों की ओर से भी इन्हीं वाहनों के जरिए दुकानों पर माल भेजा जाता है। गोण्डा। जिले में छोटे ट्रांसपोर्टर लगातार परेशानियों का सामना कर रहे हैं जबकि छोटे वाहनों की मदद के बिना सामान को इधर से उधर पहुंचाना खासा मुश्किल होता है। इसके बाद भी छोटे ट्रांसपोर्टरों को विभिन्न परेशानियों से गुजरना पड़ रहा है। इनका कहना है कि यदि उन्हें गाड़ी खड़ी करने और व्यवसाय चलाने के लिए स्थाई जगह मिल जाए तो न सिर्फ उनकी आमदनी बढ़ सकती है, बल्कि शहर की यातायात व्यवस्था भी बेहतर हो जाएगी।

मौजूदा समय में ट्रांसपोर्टरों को न तो पार्किंग की समुचित व्यवस्था मिल पा रही है और न ही बुनियादी सुविधाएं, जिससे उनका कामकाज प्रभावित हो रहा है। छोटे ट्रांसपोर्टर न केवल किसानों की उपज को बाजार तक पहुंचाते हैं बल्कि व्यापारियों के सामान को भी समय पर पहुंचाते हैं। ऐसे में उनकी समस्याओं का समाधान होना बेहद जरूरी है। स्थाई जगह,बुनियादी सुविधाएं और प्रशासनिक सहयोग मिलने पर उनकी आमदनी बढ़ेगी और जिले में कारोबार को भी गति मिलेगी। पुलिस की सख्ती बनी बड़ी समस्या शहर के रेलवे स्टेशन रोड स्थित ट्रांसपोर्टरों का कहना है कि शहर में जहां-तहां खड़ी गाड़ियों पर पुलिस की सख्ती बढ़ी हुई है। कई बार ट्रक और छोटे मालवाहक वाहन जैसे पिकअप, टेम्पो, लोडिंग ऑटो आदि सड़क किनारे खड़े रहते हैं। पुलिस इनका चालान कर देती है। जब से ऑनलाइन चालान शुरू हुआ उसके बाद से हजारों रुपये के चालान काट दिए जाते हैं। कई बार तो चालान की रकम भी समय पर जमा कर पाना मुश्किल हो जाता है। छोटे ट्रांसपोर्टर का कहना है कि प्रशासन को ऐसी जगह उपलब्ध करानी चाहिए, जहां ये वाहन आसानी से खड़े हो सकें और यातायात भी बाधित न हो। महंगाई बढ़ने से ट्रांसपोर्टरों की आमदनी घटी बढ़ती महंगाई का असर ट्रांसपोर्ट व्यवसाय पर भी दिखाई देता है। डीजल और पेट्रोल के दाम में कमी नहीं होने से उन्हें नुकसान झेलना पड़ रहा है। वाहन चालकों का कहना है कि स्पेयर पार्ट्स, टायर और वाहन मरम्मत की लागत भी बढ़ चुकी है। इसके विपरीत ग्राहकों से किराया उतना नहीं मिल पा रहा है, जितना खर्च हो रहा है। छोटे ट्रांसपोर्टरों का कहना है कि आमदनी पहले ही बहुत सीमित थी, अब महंगाई के कारण मुनाफा भी घट गया है। कई बार तो उन्हें मजबूरी में कम किराया लेकर भी माल ढुलाई करनी पड़ती है, जिससे खर्च और आय में संतुलन नहीं बैठ पाता है। कस्बों में भी मुसीबतें झेल रहे छोटे मालवाहक वाहन स्वामी जिले के शहरी और कस्बा बाजारों में ट्रांसपोर्टरों के लिए कहीं स्थाई पार्किंग की व्यवस्था नहीं है। अधिकतर गाड़ियां सड़क किनारे या मोहल्लों में खड़ी रहती हैं, जिससे स्थानीय लोगों को भी दिक्कत होती है। कई बार ट्रक खड़े रहने से जाम की स्थिति पैदा हो जाती है। यदि कस्बों में जगह नियत कर दी जाए तो छोटे मालवाहक वाहनों को सुरक्षित खड़ा करने की सुविधा मिलेगी और ट्रांसपोर्टरों को पुलिस की कार्रवाई का डर भी नहीं रहेगा। छोटे ट्रांसपोर्टर का है योगदान जिले में ट्रांसपोर्टर जिले के कारोबार में खासा योगदान देते हैं। कृषि उत्पाद से लेकर बाजार तक माल की आवाजाही इन्हीं छोटे-बड़े ट्रांसपोर्टरों पर निर्भर है। लेकिन, इसके बावजूद उन्हें सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराई जा रही हैं। छोटे ट्रांसपोर्टर बताते हैं कि बड़े ट्रांसपोर्ट कंपनियों को अक्सर जगह और सुविधाएं मिल जाती हैं, जबकि छोटे स्तर पर काम करने वाले उपेक्षित रह जाते हैं। यदि सरकार और स्थानीय प्रशासन हमारी समस्याओं पर ध्यान दें तो न सिर्फ ट्रांसपोर्टरों को लाभ मिलेगा बल्कि जिले का व्यापार भी तेजी से आगे बढ़ सकेगा। छोटे ट्रांसपोर्टरों ने मांग की है कि नगर क्षेत्र में ट्रांसपोर्ट नगर या पार्किंग स्थल विकसित किया जाए। पार्किंग स्थल पर शौचालय, पेयजल, विश्राम स्थल, मरम्मत की दुकानें और सुरक्षा व्यवस्था होनी चाहिए। इससे छोटे ट्रांसपोर्टरों को काम करने में सुविधा होगी और उनकी आमदनी भी बढ़ेगी। इसके अलावा प्रशासन को चाहिए कि डीजल-पेट्रोल पर टैक्स में राहत देकर छोटे ट्रांसपोर्टरों को आर्थिक सहयोग दें। प्रस्तुति:इरफान अंसारी/सच्चिदानंद शुक्ल बोले कारोबारी ------------------------- छोटे वाहनों को खड़ा करने के लिए स्थाई या अस्थाई रूप से व्यवस्था होनी चाहिए। इससे हम लोगों को आराम करने और वहां गाड़ी खड़ी करने की सुरक्षा मिल सकेगी। -शिव बहादुर सड़क किनारे वाहन खड़ा करके ग्राहकों का इंतजार करते हैं। इस दौरान पुलिस अक्सर हम लोगों को परेशान करती है और चालान काट देती है। -सरवन चालकों की समस्याओं पर प्रमुखता से प्रशासन को ध्यान देना चाहिए। वाहन खरीदने के साथ ही सरकार को टैक्स जमा करते हैं उसके बाद भी सुविधा नहीं मिल पाती हैं। - प्रभाकर पांडेय अस्थाई वाहन स्टैंड मिलने से छोटे ट्रांसपोर्टरों को काफी लाभ मिलेगा और साथ ही इससे उनकी आमदनी भी बढ़ेगी इस दिशा में जिम्मेदारों को ध्यान देना चाहिए। - सूरज बोले जिम्मेदार ----------------- ट्रांसपोर्टरों के हितों का ध्यान रखा जाता है। नगर पालिका अधिकारियों के साथ बैठक कर बसों की पार्किंग की जगह चिह्नित जा रही है। इसके बाद छोटे ट्रांसपोर्टरों के लिए पार्किंग स्थल चिह्नित किए जाएंगे, इसके अलावा उनकी समस्या को सुनकर समाधान करवाया जाएगा। -आरसी भारतीय, एआरटीओ

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