केंद्रीय मंत्री खुद पहुंचे अपनी नतनी का एडमिशन कराने
जिले के सांसद एवं रेल व संचार राज्यमंत्री मनोज सिन्हा रविवार को अपने मुंह बोली नतिनी रोहानिका (लाडो) का एडमिशन कराने स्वयं शाह फैज स्कूल पहुंचे। स्कूल के प्रधानाचार्य से रोहानिका का अपने स्कूल में...
जिले के सांसद एवं रेल व संचार राज्यमंत्री मनोज सिन्हा रविवार को अपने मुंह बोली नतिनी रोहानिका (लाडो) का एडमिशन कराने स्वयं शाह फैज स्कूल पहुंचे। स्कूल के प्रधानाचार्य से रोहानिका का अपने स्कूल में एडमिशन करने का अनुरोध किया।
रविवार की सुबह प्रोटोकॉल को तोड़कर शहर के जाने-माने अंग्रेजी स्कूल शाहफैज में मनोज सिन्हा रोहानिका का एडमिशन कराने खुद पहुंचे। लाडो का एडमिशन कराने के लिए उन्होंने खुद कीमत जमा कर फार्म खरीदे। इतना ही नहीं उसकी फीस के लिए उन्होंने अपने बैंक एकाउंट से स्कूल के एकाउंट में 21 हजार रुपये ट्रांसफर भी कर दिए।
स्कूल में मनोज सिन्हा के आने से पहले लाडो अपनी मां रिंकू यादव के साथ वहां पहुंच गई थी। मनोज सिन्हा को स्कूल में देखकर लाडो ख़ुशी से झूम उठी। मनोज सिन्हा भी अपनी मुंह बोली नतिनी को निराश न करते हुए अपने साथ लाए स्कूल बैग, कॉपी-किताब तथा ज्ञानवर्धक खिलौने भेंट किए। यह सब पाकर खुशी में लाडो के पांव जमीन पर नहीं पड़ रहे थे। मौके पर मौजूद स्कूल परिवार सहित अन्य सभी मंत्री जी के इस नेक काम की जमकर सराहना कर रहे थे। संचार एवं रेल राज्यमंत्री चाहते हैं कि रिंकू स्वरोजगार करे। साथ ही अपनी जैसी दुखियारी महिलाओं को भी रोजगार मुहैया कराए। इसके लिए वह भुतहियाटांड में उसके प्लाट पर सेनेटरी नेपकिन(स्वच्छता पैड) की छोटी फैक्ट्री स्थापित कराने की तैयारी में हैं। वह यह भी चाहते हैं कि रिंकू उस फैक्ट्री में अपनी जैसी दुखियारी अन्य महिलाओं को भी रोजगार दे।
वैसे मनोज सिन्हा के करीबियों के लिए यह कोई नई बात नहीं है। पहले से ही मनोज सिन्हा असहायों, जरूरतमंदों की यथा संभव मदद करते आ रहे हैं। अभी भी कई गरीब परिवारों के बच्चें हैं जिनकी पढ़ाई का खर्च वह उठा रहे हैं। बतां दें कि शहर के आमघाट की रहने वाली 25 वर्षीय रिंकू यादव के दोनों पांव जन्म से ही अक्षम हैं। बावजूद रिंकू में हौसला है। वह स्नातक तक पढ़ाई की। उसके बाद सेंट मेरी स्कूल में कंप्यूटर ऑपरेटर की नौकरी शुरू की। रिंकू का पति उदयप्रताप यादव खाड़ी के किसी देश में काम करता था।