ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News उत्तर प्रदेश गाजीपुरशहीद श्याम नारायण की पहलवान के रूप में थी ख्याति

शहीद श्याम नारायण की पहलवान के रूप में थी ख्याति

शहीद श्याम नारायण की पहलवान के रूप में थी ख्याति

शहीद श्याम नारायण की पहलवान के रूप में थी ख्याति
हिन्दुस्तान टीम,गाजीपुरSun, 03 Mar 2019 10:38 PM
ऐप पर पढ़ें

दुश्मनों के दांत खट्टेकर वीरता का उदाहरण गाजीपुर ने हमेशा पेश किया। जोखिम भरा सफर और दहशतगर्दों का गढ़। नौकरी के दौरान जान जाने का पूरा खतरा भी था। मगर, निर्भीक श्याम नारायण के हौंसले चट्टान से भी ज्यादा मजबूत थे। आतंक की परवाह किए बिना वह वीर भारत मां की सेवा को पहुंच चुका था। हंदवाड़ा में दुश्मन को घेर लिया था और उसको पकड़ना ही बाकी था। लक्ष्य करीब था, लेकिन दुश्मन ने कायराना हमला बोल दिया और वीर सपूत शहीद हो गया। उनकी इस शहादत पर पूरा गाजीपुर गमजदां है। सुबह से जुटे लोग उनकी वीरता और पराक्रम की बात करते नहीं थकते। हसनपुरा फ़त्तेपुर के जांबाज नायब श्याम नारायण से जब चार विकल्प पूछे गए तो उन्होंने सबसे पहले श्रीनगर को चुना।

श्याम नारायण सिर्फ वीर योद्धा ही नहीं बल्कि बलिष्ठ भी थे। अखाड़ों में बड़े-बड़े पहलवानों को चित करके उन्हेांने धूल चटा दी। छात्र जीवन से लेकर सीआरपीएफ कैंप तक उन्होंने पहलवानी का डंका बजाया।इसके चलते उन्हें लोग श्यामा पहलवान भी कहने लगे थे। देश सेवा का जज्बा लेकर 1991 में सीआरपीएफ में पहुंचे श्याम नारायण की कुश्ती में भी हर ओर धाक जमाई। जंगीपुर के श्री शिवकुमार शास्त्री इंटर कालेज में पढ़ाई से लेकर आसपास के गांव में खूब कुश्ती में दांव पेज दिखाए। वे रक्षाबंधन, नागपंचमी समेत अन्य अवसरों पर अखाडे में दमखम आजमाते थे हंदवाड़ा में आतंक विरोधी अभियान में श्याम नारायण की शहादत पर पूरे परिवार को गर्व है। उसके असमय जाने से सब दुखी तो हैं मगर देश रक्षा में उसके बलिदान से परिवार गौरवान्वित है। उसके भाइयों का कहना था कि मेरा भाई वीर है और उसने अपनी वीरता का परचम लहराया है। देश के काम आने की बात करने वाला देश पर न्योछावर हो गया।

-

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें