संवाद नहीं होगा फरियाद नहीं होगा पर लूटी वाहवाही
Ghazipur News - गाजीपुर, संवाददाता। अखिल भारतीय साहित्य परिषद की ओर शुक्रवार को एडवोकेट घनश्याम लाल

गाजीपुर, संवाददाता। अखिल भारतीय साहित्य परिषद की ओर शुक्रवार को एडवोकेट घनश्याम लाल श्रीवास्तव सिद्धेश्वर नगर कॉलोनी के आवास पर उनके पिता डा. केएन लाल की पुण्यतिथि के अवसर पर एक सरस काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। आगंतुक कवियो का घनश्याम लाल श्रीवास्तव ने स्वागत किया। गोष्ठी का शुभारंभ महाकवि कामेश्वर द्विवेदी की वाणी वंदना से हुआ।
हरिशंकर पांडे ने अपनी कविता संवाद नहीं होगा फरियाद नहीं होगा, बातें बढ़ जाने पर कुछ लाभ नहीं होगा प्रस्तुती पर लोगों ने खुब वाह वाही की। शालिनी श्रीवास्तव की समकालीन कविता शब्द शब्द को तोड़कर रखना, मनभाव तराजू पर, गहरे घाव हो जाते हैं कुछ छोटी बातों पर सुनकर श्रोता सोचने को विवश हो गए। एडवोकेट दयाशंकर सिंह यादव ने कहा कि हम बदले या तुम बदले यह तो अब खुदा ही जाने, मगर बदलती है दुनिया एक दिन। दुनिया ये माने या न माने सुनाकर खूब वाह वाही लूटी। दिनेश चंद्र शर्मा ने कहा कि अर्चना के लिए एक सुमन चाहिए, वंदना के लिए एक नमन चाहिए सहित अन्य कवियों ने भी कविताए सुनायी। अंत में अध्यक्षीय काव्य पाठ करते हुए प्रबंधकर कामेश्वर द्विवेदी ने जिसकी छाया का सुख था वह नीम द्वार पर आज नहीं है, मां अर्चन पूजन करती थी तुलसी का वह गाछ नहीं है गाकर लोगों की तालिया बटोरी। इस दौरान अन्य लोग भी मौजूद रहे।
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