ग्रामीण समाज के कुशल चित्रकार थे मुंशी प्रेमचंद
गाजीपुर, संवाददाता। कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद की 144वीं जयंती पर अखिल भारतीय...
गाजीपुर, संवाददाता।
कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद की 144वीं जयंती पर अखिल भारतीय कायस्थ महासभा गाजीपुर के जिलाध्यक्ष अरुण कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में चंदन नगर में विचार गोष्ठी आयोजित हुआ। महासभा के प्रान्तीय उपाध्यक्ष मुक्तेश्वर प्रसाद श्रीवास्तव ने कहा कि मुंशी प्रेमचंद ने न केवल ग्रामीण समाज के कुशल चित्रकार थे वरन नगरीय समाज की भी उन्हें अच्छी समझ थी।
स्वतंत्रता के बाद भारत को जिस तरह से परखने, समझने और समाधान तक जाने की बागडोर अपने हाथ में ली वह अनुकरणीय है। अरुण कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि मुंशी प्रेमचंद का रचना संसार बहुत ही विस्तृत और महत्वपूर्ण है। उनकी रचनाएं सामाजिक मुद्दों पर समाज में एक नई चेतना लाना चाहती थी। पूर्व प्रवक्ता डीएवी इंटर कॉलेज प्रेम कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि वह हिंदी साहित्य के महान लेखक ही नहीं वह एक महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भी थे। स्वतंत्रता आंदोलन में उन्होंने ब्रिटानी हुकूमत के खिलाफ जमकर कलम चलायी। इस अवसर पर चन्द्र प्रकाश श्रीवास्तव, अनूप श्रीवास्तव, अश्वनी श्रीवास्तव, सुभांशु, आर्यन, हिमांशु, अनिल श्रीवास्तव, राजेश कुमार श्रीवास्तव, शशिकांत श्रीवास्तव, केशव आदि रहे।
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