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गाजीपुर घाट पर शहीद मेजर विकास का हुआ अंतिम संस्कार

देश की रक्षा में कुर्बान मेजर विकास सिंह का गांव ताड़ीघाट सोमवार को शहादत का धाम बन गया।शहर से लोगों की भीड़ गंगा पार शहीद के दर्शन को देर रात तक जुटी रही तो घाट पर भी हजारों लोगों की भीड़...

गाजीपुर घाट पर शहीद मेजर विकास का हुआ अंतिम संस्कार
हिन्दुस्तान टीम,गाजीपुरTue, 16 Apr 2019 11:03 PM
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देश की रक्षा में कुर्बान मेजर विकास सिंह का गांव ताड़ीघाट सोमवार को शहादत का धाम बन गया।शहर से लोगों की भीड़ गंगा पार शहीद के दर्शन को देर रात तक जुटी रही तो घाट पर भी हजारों लोगों की भीड़ रही। परिजनों का करुण क्रंदन ह्दय विदारक था तो पत्नी की चीखें हर खामोशी पर भारी थी।शहीद मेजर विकास सिंह का पार्थिव शरीर पहुंचने के बाद गांव में कोहराम मच गया। बाक्स खोलते ही मां अपने लाल से चिपट गई तो पत्नी चेहरा देखकर दहाड़े मारती रहीं। अंत्येष्टि स्थल पर जब चाचा ने मुखाग्नि दी, तो सैकड़ों हाथ शहीद के नमन को खुद-ब-खुद जुड़ गए।

मेजर विकास सिंह की शहादत ने ताड़ीघाट को देशभक्ति का धाम बना दिया। शहीद के लिए ये जनता का समर्पण ही था की हजारों लोगों का हुजूम जुटा था। गांव में रविवार से लेकर मंगलवार तक उठती हजारों हिलोरों ने शहादत को नमन किया। करीब पांच हजार की आबादी वाले इस पार्थिव शरीर पहुंचने के बाद हजारों लोगों की भीड़ जुट गई। गांव में इतने लोग जुटे, तो गाजीपुर घाट पर संख्या कम नहीं थी। शहीद के अंतिम दर्शन को हजारों कदम खुद-ब-खुद ताड़ीघाट की ओर बढ़ चले। हजार आंखें दर्शन को बेताब थीं तो सैकड़ों ने अंतिम नमन किया। फूलों से सजे वाहन के आगे और पीछे सैकड़ों लोग अंतिम यात्रा में चल रहे थे।

पार्थिव शरीर पहुंचने के बाद देर रात डीएम के बालाजी, एसपी डॉ. अरविंद चतुर्वैदी, पूर्व कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश सिंह ने श्रद्धासुमन अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। पत्नी ने पुष्पचक्र चढाकर अंतिम विदाई दी। तिरंगे में लपिटे शहादत के प्रमाण विकास सिंह को हर किसी ने नमन किया। इसके बाद युवाओं के कांधों पर विकास सिंह ने अंतिम यात्रा गाजीपुर घाट तक की। गंगा घाट पर सेना के जवानों ने चाचा देवेंद को तिरंगा सौंपा। गारद ने अंतिम सलामी देते हुए चाचा ने मुखाग्नि दी।

गांव में गूंजे गगनभेदी नारे

रेवतीपुर। एक नारा गूंजता- जब तक सूरज चांद रहेगा, हजारों लब खुद ही बोलने लगते- विकास तेरा नाम रहेगा। क्या बच्चे, क्या बुजुर्ग। न थके, न रुके सुबह से इंतजार करते रहे। जुबां पर कुछ था, तो शहादत के सम्मान में नारे। देशभक्तों के कारवां निकला तो लोगों ने फूल बरसाए। पूर्व मंत्री ओमप्रकाश सिंह ने कहा कि चंद साल की नौकरी में मेजर विकास सिंह ने देश भक्ति के मायने बता दिए। उनकी शहादत देश की रक्षा में थी और आज ताड़ीघाट उनके लिए किसी मंदिर से कम नहीं है।

मातमी धुन के साथ सैनिक सम्मान

पार्थिव शरीर लेकर पहुंची सेना की गारद ने सशस्त्र सलामी दी। मातमी धुन के बीच सैन्य कर्मियों ने शस्त्र उल्टे कर कई राउंड हवाई फायर किए। मेजर को अंतिम सलामी देते हुए उनकी शहादत को याद किया। 55 राष्ट्रीय राइफल के मेजर रोहित सिंह, मेजर सुनील नंदन, कर्नल दीपक श्रीवास्तव, मनोज यादव, एसबी सिंह, सहित वाराणसी 39 जीटीसी के एक प्लाटून जवान शामिल रहे।

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