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कुपोषण से बौनेपन का शिकार हो रहे बच्चे

लहुरीकाशी में कुपोषण की वजह से बच्चों की लंबाई घटती जा रही है। जिले में इससे 1 लाख 60 हजार से अधिक की आबादी प्रभावित है। समाज कल्याण विभाग ने पोषण अभियान के आगाज पर इससे संबंधित आंकड़े दिए। वहीं...

कुपोषण से बौनेपन का शिकार हो रहे बच्चे
गाजीपुर। कार्यालय संवाददाता Fri, 07 Sep 2018 06:59 PM
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लहुरीकाशी में कुपोषण की वजह से बच्चों की लंबाई घटती जा रही है। जिले में इससे 1 लाख 60 हजार से अधिक की आबादी प्रभावित है। समाज कल्याण विभाग ने पोषण अभियान के आगाज पर इससे संबंधित आंकड़े दिए। वहीं कुपोषण पुनर्वास केंद्र के चिकित्सकों ने लगभग 200 से अधिक कुपोषित बच्चों पर स्टडी की। परिवार कल्याण विभाग और स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों की माने तो जिले में 18-20 फीसद बच्चों को कुपोषण के चलते बौनेपन का शिकार बताया गया है। इसमें शून्य से पांच वर्ष तक के बच्चे शामिल हैं। 
 जिले में जच्चा-बच्चा को असंतुलित आहार की कमी के कारण बच्चे कुपोषण के शिकार होते जा रहे हैं। यह कुपोषण उनको दिव्यांग बनाने के साथ ही बौना भी बना रहा है। जनपद में कुल 22650 बच्चे अतिकुपोषित मिले हैं और 62205 मासूम अतिकुपोषित हैं। अभी आगे और मिलने की संभावना है। चिकित्सकों की माने तो  बच्चों में कुपोषण एक गंभीर समस्या है। बच्चों में बौनेपन की स्थिति उनके जीवन के प्रारंभिक 1000 दिनों के दौरान कुपोषण के कारण है।  इसके परिणामस्वरूप बच्चों के विकास में रुकावट आती है। ऐसे बच्चों में भविष्य में मधुमेह, मोटापे और उच्च रक्तचाप का बहुत ज्यादा खतरा होने और दिमाग का पूरी तरह विकसित न होने की संभावना रहती है। इससे प्रभावित स्कूलों में खराब प्रदर्शन की भी समस्या सामने आ रही है।सरकार जिले के 16 ब्लॉक क्षेत्रों में सुपोषण अभियान चला रही है। इसके तहत स्कूलों, आंगनबाडी़ केंद्रो व घर-घर जाकर पोषाहार, एमडीएम व विटामिन की दवाएं पिलाई गईं। इसके लिए अरबों रुपये की धनराशि आई। लेकिन, अभियान जमीनी स्तर पेपर चलने के बजाय कागज में ही निपटा दिया गया। जिसके वजह से आज भी भारी संख्या में अति कुपोषित बच्चे मिल रहे हैं। 

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