Notification Icon
Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़गाजीपुर14-Year-Old Freedom Fighter Jamuna Giri s Brave Acts Against British Rule

शेरपुर के जमुना गिरी ने फूंका था गौसपुर हवाई अड्डा

14 साल की उम्र में जमुना गिरी ने गाजीपुर में ब्रिटिश हुकूमत की चूलें हिला दी थीं। उन्होंने गौसपुर हवाई अड्डा फूंक दिया था। उन्हें पांच साल की कैद की सजा हुई। बाद में वे पुलिस विभाग में एसआई बने।

Newswrap हिन्दुस्तान, गाजीपुरTue, 13 Aug 2024 05:54 PM
share Share

भांवरकोल, हिन्दुस्तान संवाद। भारत माता की आन-बान-शान की रक्षा में लहुरी काशी (गाजीपुर) का नाम सदैव अग्रणी रहा है। यहां के लोगों ने स्वतंत्रता संग्राम में अपना सबकुछ न्योछावर कर दिया। आजादी के इन्हीं दीवानों में जमुना गिरी का नाम बड़े आदर के साथ लिया जाता है। शेरपुर कला गांव के इस लाल ने महज 14 साल की उम्र में ब्रिटिश हुकूमत की चूलें हिला दी थीं। अपने साथियों के साथ उन्होंने गौसपुर में वह हवाई अड्डा फूंक दिया था जो अंग्रेजों की सुरक्षा के लिए बनाया जा रहा था। इस जुर्म ने उन्हें पांच साल कैद की सजा हुई थी। महात्मा गांधी ने मुंबई में आठ अगस्त, 1942 को क्रांति मैदान से भारत छोड़ो आंदोलन की घोषणा की। किशोरवय जमुना गिरी इसमें शामिल होने से खुद को रोक नहीं सके। उन्होंने 11 अगस्त 1942 को यहां सिटी हाईस्कूल, डीएवी स्कूल तथा विक्टोरिया गवर्नमेंट स्कूल सहित कई विद्यालयों के छात्रों को एकत्र किया। उनमें जोश भरा और उन्हें आजादी की लड़ाई में कूदने का संकल्प दिलाया। अगले दिन 12 अगस्त को उन्होंने तीनों विद्यालयों में हड़ताल करा दी। इसी क्रम में 13 अगस्त को रणनीति बनाई गई। इसी कड़ी में उन्होंने 14 अगस्त को चांदपुर निवासी रामविशुन राय उर्फ विशुनी राय और साथियों के साथ मिलकर अंग्रेजी हुकूमत की सुरक्षा के लिए बन रहे गौसपुर हवाई अड्डे को आग के हवाले कर दिया। कर्मचारियों के घर फूंक डाले। अंग्रेज सिपाहियों ने क्रांतिकारियों पर फायरिंग की। गोली लगने से जमुना गिरी बेहोश होकर गिर पड़े। गोली से उनके साथी रामविशुन राय भी घायल हो गए। अगले दिन यानी 15 अगस्त, 1942 को जमुना गिरी को अंग्रेज मजिस्ट्रेट मुनरो के समक्ष पेश किया गया। मजिस्ट्रेट ने कहा कि यदि वह माफी मांग लें तो उन्हें छोड़ दिया जाएगा। आजादी के इस दीवाने को मौत कबूल थी लेकिन अंग्रेजों से माफी कतई नहीं। लिहाजा, उन्हें 14 साल की उम्र में पांच वर्ष सश्रम कारावास की सजा हुई। उन्हें जिला जेल में रखा गया। बाद में सीतापुर जेल भेज दिया गया। भारत 15 अगस्त, 1947 को आजाद हुआ। आजाद भारत में जमुना गिरी पुलिस विभाग में एसआई बने। छह जून, 1969 को उन्होंने अंतिम सांस ली।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें