अमेठी-नहरों की सफाई पर करोड़ों खर्च, फिर भी नहीं पहुंचा पानी
Gauriganj News - नहर विभाग द्वारा चलाए गए नहरों की सफाई अभियान अधूरा रह गया है। किसानों को फसल की सिंचाई के लिए पानी नहीं मिल रहा है, जबकि नहरें बदहाल हैं। सरकार ने जल प्रबंधन उपभोक्ता समितियों का गठन किया है, लेकिन...

शुकुल बाजार, संवाददाता। नहर विभाग द्वारा चलाया गया नहरों की सफाई का अभियान आधा अधूरा ही रह गया है। कहीं पर सफाई की गई है तो कहीं पर माइनरों में जंगली झाड़ियां उगी हुई हैं। कुछ स्थानों पर नहर में पानी छोड़ा गया लेकिन फिर बंद कर दिया गया। कुछ नहरों में पानी चल भी रहा है तो पानी टेल तक पहुंच ही नहीं रहा है। पूरे क्षेत्र में किसान फसल की सिंचाई के लिए परेशान हैं। लेकिन उन्हें पानी नहीं मिल रहा है। शुकुलबाजार विकास क्षेत्र के किसानों की फसलों की सिंचाई का प्रमुख साधन नहरें हैं। परन्तु सिंचाई विभाग द्वारा रखरखाव के अभाव के चलते नहरें बदहाल हैं। सरकार की मंशा के अनुरूप सिंचाई विभाग द्वारा हर खेत तक पानी पहुंचाने के लिए जल प्रबन्धन उपभोक्ता समितियों का गठन कराया गया है। लेकिन नहरों की सफाई के नाम पर हर साल महज औपचारिकता ही निभाई जाती है। विभाग के अधिकारियों व समितियों की साठगांठ से हर साल नहरों की मरम्मत व सिल्ट सफाई के नाम पर लाखों रुपये का बंदरबांट कर लिया जाता है। जिससे नहरें बदहाली से नहीं उबर पा रही हैं। विकास खण्ड में मुख्य तीन नहरों के साथ दर्जन भर आल्पिकाएं संचालित हैं। जिसमें सुबेहा रजबहा की लम्बाई लगभग 15 किलोमीटर है। वहीं गेरवा रजबहा की लम्बाई 12 किलोमीटर तथा इन्हौना रजबहा की लम्बाई 22 किलोमीटर है। विकास खण्ड की 54 ग्राम पचायतों के लगभग दस हजार किसानों के लिए तीनों रजबहा में 216 कुलाबों का निर्माण कराया गया है। साल में दो बार नहरों की सिल्ट सफाई का प्रावधान है। हर वर्ष 19 से 20 लाख रुपये खर्च करने के बाद भी कभी नहर में टेल तक पानी नहीं पहुंच सका। गायत्री नगर चौराहा पर पुल की टूटी हुई नहर पटरी की मरम्मत भी नहीं कराई गई। किसान रामप्रसाद, श्रीचन्द्र, राममनोहर, सज्जाद, रामलुटावन आदि ने प्रशासन से नहरों में टेल तक पानी पहुंचाए जाने की मांग की है।
कोट-
नहरों में पानी रोस्टर के आधार पर छोड़ा जाता है। जिन नहरों में पानी नहीं है उनमें रोस्टर से पानी छोड़ने का क्रम जारी है। टेल तक जहां पानी नहीं पहुंच रहा है। उसकी जांच कराकर पानी पहुंचाने का प्रयास किया जाएगा।
मनीष रंजन, अधिशासी अभियंता सिंचाई विभाग
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