भागवत कथा श्रवण से मिलता है ज्ञान और सदबुद्धि
पूर्णावतार प्रभु श्री योगेश्वर कृष्ण के मुख से निकले वचन ही श्रीमद्भागवत का सार है। यह ग्रंथ मनुष्यों के लिये अमूल्य निधि है। इसका जहां भी पाठ हो रहा हो श्रवण के लिये अवश्य जाना चाहिए, क्योंकि इससे...
पूर्णावतार प्रभु श्री योगेश्वर कृष्ण के मुख से निकले वचन ही श्रीमद्भागवत का सार है। यह ग्रंथ मनुष्यों के लिये अमूल्य निधि है। इसका जहां भी पाठ हो रहा हो श्रवण के लिये अवश्य जाना चाहिए, क्योंकि इससे हमको असीमित ज्ञान और सद्बुद्धि मिलती है। ये बातें नंदौत गांव में चल रहे श्रीमद्भागवत ज्ञान यज्ञ सप्ताह के प्रथम दिवस पर मंगलवार शाम को कथा व्यास पंडित जगदीश भूषण ने कही।
उन्होंने आगे श्रीमद्भागवत के महात्म्य के बारे में चर्चा की। बताया कि आत्मा की शांति और पितरों को मोक्ष दिलाने के लिये पांडव वंशीय राजा परीक्षित ने शुकदेव महाराज से इसकी कथा सुनी। इस मौके पर केशव प्रसाद, प्रेम चन्द्र, ईश्वर चन्द्र, विजय कुमार, संजय दूबे समरथ सिंह, अमर नाथ तिवारी, राजेन्द्र सिंह, शोभ नाथ बिंद, अमर नाथ साहू, मुन्ना तिवारी, सुशील सिंह, मंजुल मिश्र, राज मणि, रमेश गुप्त, अनिल, सुनील आदि मौजूद रहे।