कान्हा गोशाला में दो दिन में मरे दस गोवंश
ग्राम पंचायत प्रशासन की लापरवाही, बदइंतजामी की वजह से कान्हा गोशाला वहां के गोवंश के लिए कब्रगाह साबित हो रहा है। दो दिन के भीतर ढकपूरा के कान्हा...
कोड़ापुर। हिन्दुस्तान संवाद
ग्राम पंचायत प्रशासन की लापरवाही, बदइंतजामी की वजह से कान्हा गोशाला वहां के गोवंश के लिए कब्रगाह साबित हो रहा है। दो दिन के भीतर ढकपूरा के कान्हा गोवंश आश्रय स्थल में दस गोवंशों ने दम तोड़ दिया। अभी तीन पशु गंभीर रूप से बीमार हैं। देर से जागे प्रशासन ने लेखपाल को भेजकर रिपोर्ट मांगी है।
फूलपुर विकासखंड के सराय दाऊद उर्फ ढकपूरा के आले-मऊ मौजे का कान्हा गोवंश आश्रय स्थल में भारी अव्यवस्था है। खाने-पीने की समस्या पहले भी थी लेकिन दो दिन की बरसात ने आश्रय स्थल की बदइंतजामी सामने आ गई। गुरुवार को वहां पांच गायों ने दम तोड़ दिया था। सात पशु गंभीर रूप से घायल थे। उन सातो में से पांच ने गुरुवार रात से लेकर शुक्रवार भोर तक दम तोड़ दिया। इस तरह अब मरने वाले गोवंशों की संख्या दस हो गई है। अभी भी तीन गोवंश गंभीर हालत में हैं। इतनी संख्या में गोवंशों के मरने की सूचना पर हड़कंप मचा हुआ है। एसडीएम युवराज सिंह ने हल्का लेखपाल रमेश कुमार को मौके पर भेजकर रिपोर्ट मांगी है। उधर पशु चिकित्सा विभाग की तरफ से पैरावेट ने वहां की छानबीन की है।
बदइंतजामी का शिकार है गोशाला
दस गोवंशों की अचानक मौत के बाद चर्चा में आए ढकपूरा गोशाला की पड़ताल की गई तो वहां बदइंतजामी खुल कर नजर आई। गोशाला में चारों ओर दलदल और कीचड़ की भरमार है। सूखा स्थान तो बमुश्किल बचा हुआ है। दलदल, सीलन, कीचड़ दिनरात रहने वाले गोवंश कब तक बजे रहेंगे। नियमित चेकअप भी नहीं होता। संक्रामक बीमारी फैलने का अंदेशा बढ़ गया है।
खुले में रहते हैं गोवंश
गोवंश आश्रय स्थल में सिर्फ दो ही टिन शेड है जो छाया करते हैं। इन दोनों में सभी पशु समा नहीं पाते जिससे आधे जानवरों को सर्दी, गर्मी और बरसात सभी मौसमों में खुले आसमान के नीचे रहना पड़ता है।
बीमार पशुओं का बुरा हाल
गुरुवार को पांच पशुओं के मरने के बाद गंभीर रूप से बीमार गोवंशों का तो और भी बुरा हाल था। जमीन पर गिरे इन गोवंशों पर कौवे बैठकर नोंचते नजर आए। कुछ मजबूत गोवंश इन पर चढ़कर कुचलते-गुजरते रहे।