
तेरे दर पर आया हूं , कुछ लेकर जाऊंगा
संक्षेप: Gangapar News - पूरे भुलई गांव में सालाना उर्स पर क़व्वालों ने बांधा समा बाबूगंज। भरदे
भरदे झोली मेरी या मोहम्मद, लौट करके न जाऊंगा खाली। तेरे दर पे आया हूं, कुछ लेकर जाऊंगा की चाहत से दूर दराज से चलकर आए जायरीनों ने बाबा की मजार पर चादर चढ़ा कव्वाली का आनंद लिया। फूलपुर तहसील क्षेत्र के चक अब्दुल करीम उर्फ पूरे भुलई गांव में प्रसिद्ध सूफी संत चिश्ती हजरत मौलाना सैयद शाह सिकंदर अली रहमतुल्लाह अलैह भुलई बाबा के 151वां सालाना उर्स के मौके पर कौशाम्बी के कव्वाल मोहम्मद हफीज व प्रयागराज से बन्ने कव्वाल ने अपनी शानदार कव्वाली बाबा की शान में पेश की। मेला इंतजामिया कमेटी के अध्यक्ष मुजम्मिल हसन ने बताया कि सोमवार दोपहर महफिले कव्वाली के बाद कुल का फातिहा लंगरे आम का आयोजन किया गया।

तीन दिवसीय मेले में लल्लू पागलवा के नाम से मशहूर पकौड़ी विक्रेता 74 वर्षीय निजामुद्दीन उर्फ लल्लू पागलवा ने बताया कि महज 16 साल की उम्र में छोटी सी दुकान में पकौड़ी का व्यवसाय शुरू किया था। 58 वर्ष पहले पकौड़ी दो रुपये किलो से बेचना शुरू किया और आज दो सौ रुपये किलो में बिक रही है। बताया कि तीन दिवसीय सालाना उर्स में घर का पूरा कुनबा इस व्यवसाय में जुट जाता है। उन्होंने मेले की यादें ताजा करते हुए बताया कि 58 वर्षों में मेले में कोई बदलाव नहीं हुआ। मेले के लिए न तो स्थानीय सांसद व विधायकों ने ध्यान दिया। और न ही मेला कमेटी के लोगों ने कोई अच्छी पहल कर इसे आगे बढ़ने का प्रयास किया। लोगों की मन्नतें पूरी होती है इसलिए लोगों का हुजुम और कारवां बाबा की दरगाह में बढ़ता जा रहा है।

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