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अनुपयोगी साबित हो रहीं क्षेत्र की गोशालाएं

Gangapar News - बारा, हिन्दुस्तान संवाद। बारा क्षेत्र में आवारा मवेशियों की संख्या बढ़ती जा रही है। आवारा

Newswrap हिन्दुस्तान, गंगापारTue, 21 Jan 2025 03:31 PM
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अनुपयोगी साबित हो रहीं क्षेत्र की गोशालाएं

बारा क्षेत्र में आवारा मवेशियों की संख्या बढ़ती जा रही है। आवारा मवेशियों से क्षेत्र के किसान परेशान हैं। मवेशियों से फसल को बचाने के सारे हथकंडे फेल हो रहे हैं। शासन द्वारा बनाए गए गो आश्रय स्थल भी अनुपयोगी साबित हो रहे हैं। बारा तहसील में तरहार से लेकर उपरहार तक मवेशियों का झुंड घूमता रहता है। इनसे फसलों को बचाने के लिए किसान रतजगा करते हैं। इसके बावजूद मौका मिलते ही खेत साफ हो जाते हैं। बारा क्षेत्र के गोंदलापुर के युवा किसान बबलू यादव ने बताया कि पहले इलाके में नीलगाय से किसान परेशान था। इनके भय के कारण सनई, रेड़ी, मटर, अरहर, अलसी आदि की खेती बंद हो चुकी है।इस समय अधिकांश किसान गेहूं और सरसों की खेती कर रहे हैं।उस पर भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं।बिरवल के किसान बालेंद्र सिंह, मानपुर के किसान महराज सिंह ने बताया कि तरहार इलाके में घूरपुर से सेमरी,भिलोर तक और दूसरी ओर प्रतापपुर तक लगभग पचास ग्राम पंचायतों के बीच कहीं भी गो आश्रय स्थल नहीं है। ऐसे हालात में किसानों द्वारा मवेशियों को रात में कहीं बांधने की ब्यवस्था की जाती है किन्तु सुबह छोड़ना पड़ता है।गोझवार गांव के राजू सिंह भदौरिया और चिल्ला गौहानी के आशुतोष सिंह ने बताया कि सरसों की फसल जब छोटी थी तो आवारा मवेशी चरते थे किन्तु इस समय उसी में बैठ जाते हैं और फसल नष्ट कर रहे हैं।

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