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श्रद्धा व विश्वास के साथ मनाया गया रक्षाबंधन का पर्व

सावन के अंतिम सोमवार के साथ ही भाई बहन के पवित्र रिश्ते व भावनात्मक संबंधों के प्रतीक रक्षाबंधन का त्योहार धूमधाम से मनाया गया। लोगों ने सोमवार का व्रत रखकर विधि विधान से भगवान भोले शंकर की पूजा...

सावन के अंतिम सोमवार के साथ ही भाई बहन के पवित्र रिश्ते व भावनात्मक संबंधों के प्रतीक रक्षाबंधन का त्योहार धूमधाम से मनाया गया। लोगों ने सोमवार का व्रत रखकर विधि विधान से भगवान भोले शंकर की पूजा...
1/ 2सावन के अंतिम सोमवार के साथ ही भाई बहन के पवित्र रिश्ते व भावनात्मक संबंधों के प्रतीक रक्षाबंधन का त्योहार धूमधाम से मनाया गया। लोगों ने सोमवार का व्रत रखकर विधि विधान से भगवान भोले शंकर की पूजा...
सावन के अंतिम सोमवार के साथ ही भाई बहन के पवित्र रिश्ते व भावनात्मक संबंधों के प्रतीक रक्षाबंधन का त्योहार धूमधाम से मनाया गया। लोगों ने सोमवार का व्रत रखकर विधि विधान से भगवान भोले शंकर की पूजा...
2/ 2सावन के अंतिम सोमवार के साथ ही भाई बहन के पवित्र रिश्ते व भावनात्मक संबंधों के प्रतीक रक्षाबंधन का त्योहार धूमधाम से मनाया गया। लोगों ने सोमवार का व्रत रखकर विधि विधान से भगवान भोले शंकर की पूजा...
हिन्दुस्तान टीम,गंगापारMon, 03 Aug 2020 01:02 PM
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सावन के अंतिम सोमवार के साथ ही भाई बहन के पवित्र रिश्ते व भावनात्मक संबंधों के प्रतीक रक्षाबंधन का त्योहार धूमधाम से मनाया गया। लोगों ने सोमवार का व्रत रखकर विधि विधान से भगवान भोले शंकर की पूजा अर्चना किया, वहीं बहनों ने अपने भाइयों की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधकर उनके दीर्घायु जीवन व सुख की कामना किया।

पंचांग के अनुसार सुबह नौ बजकर उनतीस मिनट तक भद्रा का प्रभाव था इसलिए इस समय के बाद रक्षाबंधन का कार्यक्रम प्रारम्भ हुआ। आचार्य केशव जी ने बताया कि भद्रा काल मे राखी बांधना अशुभ प्रभाव डालता है इसलिए भद्रा काल समाप्त होने के बाद ही रक्षा सूत्र बांधना सर्वथा उचित होगा। एक किंवदंती के अनुसार प्राचीन काल में सूपनखा ने भद्रा काल मे अपने भाई रावण को राखी बांध दिया था जिसका परिणाम बुरा हुआ।

वर्षों बाद मिला ऐसा मौका

इस रक्षा बंधन पर वर्षों बाद ऐसा मौका मिला जब भाई को राखी बांधने बहनों को दूसरे शहरों में नही जाना पड़ा और न भाइयों को ही छुट्टी लेकर बहन से राखी बंधवाने घर आना पड़ा। यही नहीं बहनों को डाकघर या कोरियर से भी भइया के पास राखी भेजने की जरूरत नहीं पड़ी। बिरली बहनों ने ही डाक के माध्यम से भाई को रक्षा सूत्र भेजा होगा क्योंकि वैश्विक महामारी के समय मे अधिकतर लोग अपनी नौकरी छोड़कर आ गए हैं और अपने घरों पर ही रह रहे हैं।

बाजारों में रहा कोरोना का असर

रक्षाबंधन के शुभ अवसर पर बाजारों में वैश्विक महामारी का असर रहा। रविवार को लॉक डाउन में छूट होने के बावजूद बाजारों में आशा के अनुरूप चहल पहल कम रही। राखी की दुकानों पर भीड़ दिखाई दी लेकिन मिठाई की दुकानों में रौनक कम रही। सोमवार को मुख्य पर्व होने के कारण बाजार गुलजार रहे। करमा में मिठाई की दुकान चलाने वाले दुकानदारों ने बताया कि मिठाई की बिक्री हुई परंतु अन्य वर्षो की अपेक्षा कम हुई। अधिकतर लोगों ने बाजार में बिकने वाली पैक सूखी मिठाइयां खरीदकर त्योहार मनाया।

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