फर्जी जाति प्रमाण पर जीत ली प्रधानी, अब बढ़ी परेशानी
फर्जी जाति प्रमाण पत्र दाखिल कर अनुसूचित जाति के लिए चयनित प्रधानी सीट पर नामांकन कर चुनाव जीत लिया। अब हारा विपक्षी कागजातों की छानबीन में लग गया।...

हंडिया। हिन्दुस्तान संवाद
फर्जी जाति प्रमाण पत्र दाखिल कर अनुसूचित जाति के लिए चयनित प्रधानी सीट पर नामांकन कर चुनाव जीत लिया। अब हारा विपक्षी कागजातों की छानबीन में लग गया। चुनाव के समय लगाया गया जाति प्रमाणपत्र फर्जी निकला। एसडीएम कोर्ट में प्रधानी के चुनाव को रद्द करने का वाद दायर किया गया।
मामला सैदाबाद ब्लॉक के मर्दापुर गांव सभा का है। बीते पंचायत चुनाव में मर्दापुर गांव अनुसूचित जाति कोटे की सीट थी। चुनी गई वर्तमान प्रधान रीता देवी पत्नी महेंद्र कुमार ओबीसी जाति की महिला हैं। वर्ष 2015 में शासन ने कई जातियों को अनुसूचित कोटे में सम्मिलित कर लिया था जिसे कुछ दिन बाद उच्च न्यायालय ने रद्द कर दिया था। इसी बीच रीता देवी ने अपनी पिछड़ी जाति के स्थान पर अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र तहसील से जारी करा लिया था। जब पंचायत चुनाव आया तो वर्ष 2015 में जारी अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र को लगाकर नामांकन किया और चुनाव में प्रधानी भी जीत गई। प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार मीरा देवी ने जिलाधिकारी से शिकायत की कि चुनी गई प्रधान ने फर्जी दस्तावेज लगाया था। जिलाधिकारी ने एसडीएम हंडिया एएन सिंह को जांच कराने का निर्देश दिया। रीता देवी के ससुराल व भदोही के ज्ञानपुर तहसील में मौजूद मायका सागरपुर तक जांच कराई गई। पता चला रीता देवी लालमन की पुत्री हैं जो पिछड़ी जाति से हैं। इनका बना अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र फर्जी है। इतना ही नहीं, हंडिया तहसील के मरदापुर गांव में कोई भी मझवार जाति अनुसूचित जाति का व्यक्ति निवास नहीं करता। दाखिल वाद की तारीख 17 सितंबर नियत की गई है। इस संबंध में एसडीएम एएन सिंह ने कहा कि मर्दापुर गांव सभा के प्रधान पर फर्जी जाति प्रमाण पत्र लगाकर लाभ लेने का वाद दाखिल है। नियत तिथि पर साक्ष्य देखे जाएंगे।
