सहकारी समितियों में अनिश्चितकाल के लिए तालाबंदी
अपनी तीन मांगों को लेकर प्राथमिक कृषि ऋण सहकारी समिति के कर्मचारियों द्वारा अनिश्चित कालीन हड़ताल पर चले जाने से क्षेत्र की समितियों में ताला लटक गया है। समिति के सचिवों ने कहा कि दाम नहीं तो काम...
अपनी तीन मांगों को लेकर प्राथमिक कृषि ऋण सहकारी समिति के कर्मचारियों द्वारा अनिश्चित कालीन हड़ताल पर चले जाने से क्षेत्र की समितियों में ताला लटक गया है। समिति के सचिवों ने कहा कि दाम नहीं तो काम नहीं।
संयुक्त सहकारी समिति कर्मचारी समन्वय समिति कर्मचारी संघ के आह्वान पर जिला उपाध्यक्ष नीरज सिंह ने विकास खंड जसरा की कुल छह सहकारी समिति और दो सहकारी संघों द्वारा शुक्रवार से आंदोलन तेज कर दिया गया है।
समितियों से किसानों को खेती के लिए उर्वरक, खाद , बीज व कीट नाशक दवाइयों को उपलब्ध कराया जाता रहा है। रबी की फसल की बुवाई भी नजदीक होने के कारण अब किसानों को खाद बीज के लिए दर दर भटकना पड़ रहा है। वहीं एक नवंबर से प्रदेश सरकार द्वारा धान की खरीद के लिए समितियों को क्रय केंद्र बनाया गया है, लेकिन जसरा में बैठक कर कर्मचारियों ने साफ साफ शब्दों में ऐलान कर दिया है कि जब तक हमारी तीन सूत्रीय मांगें सरकार द्वारा नहीं मानी जाती तब तक समितियों का ताला नहीं खुलेगा। बैठक में रामनाथ सिंह पटेल, रामजी पाल, दिनेश सिंह, सुरेन्द्र प्रताप सिंह, आलोक पाठक, राकेश तिवारी, विजयराज यादव आदि दर्जनों कर्मचारी उपस्थित रहे।
यह सभी आंदोलन में शामिल
किसान सेवा सहकारी समिति जसरा, चिल्ला गौहानी एफएसएस, क्षेत्रीय सहकारी समिति बारा, घूरपुर एफएसएस, लोटाढ़ गौहानी एसएसएस, जारी साधन सहकारी समिति के साथ ही जसरा संघ व जारी संघ के सचिवों के ही साथ कर्मचारियों द्वारा अनिश्चित कालीन बंदी का ऐलान किया है।
क्या है मांगें
-समिति कर्मचारियों को राज्य कर्मचारी का दर्जा देते हुए नियमित वेतन का भुगतान
- दस वर्षों से बकाया वेतन का भुगतान
-सेवानिवृत्त 62 साल बाद किया जाए।