मांडा में भी दूसरे दिन बिजली संकट, पेयजल के लिए हाहाकार
निजीकरण के विरोध में पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के कर्मचारी-अधिकारी सोमवार से हड़ताल पर हैं। सोमवार से शुरू हुआ बिजली संकट मंगलवार को भी बना रहा। उमसभरी गर्मी से रात दिन तो किसी तरह व्यतीत किए...
निजीकरण के विरोध में पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के कर्मचारी-अधिकारी सोमवार से हड़ताल पर हैं। सोमवार से शुरू हुआ बिजली संकट मंगलवार को भी बना रहा। उमसभरी गर्मी से रात दिन तो किसी तरह व्यतीत किए लेकिन पीने का भी पानी खत्म हो जाने से परेशान रहे।
बता दें कि सोमवार से ही मांडा क्षेत्र के मांडारोड, भारतगंज, हाटा, सुरवांदलापुर, नेवढि़या आदि सभी उपकेन्द्रों के कर्मचारी ताले लगाकर उपकेन्द्रों से गायब हो गए जो मंगलवार शाम तक वापस नहीं हो पाये। कर्मचारियों के न होने से सोमवार प्रात: दस बजे से ही मांडा क्षेत्र के 192 गांवों की बिजली बाधित हो गयी है। बिजली बाधित होने से विद्युत आधारित मांडा क्षेत्र के राजापुर, आंधी, मांडाखास प्रथम, द्वितीय, धनावल, भारतगंज कस्बा आदि सभी पेयजल समूहों की पेयजल आपूर्ति भी दो दिनों से बाधित चल रही है, जिससे पेयजल के लिए हाहाकार मचा हुआ है। उमसभरी भीषण गर्मी में भारतगंज जैसे घने कस्बे व बाजारों में रहने वालों की स्थिति बेहद खराब है। भारतगंज, मांडाखास, नहवाई, दिघिया आदि बाजारों के तमाम सामाजिक संगठनों और नागरिकों ने जिला प्रशासन को चेतावनी दी है कि यदि बुधवार प्रात: तक बिजली बहाल न हुई, तो मजबूरी में वे सड़क पर उतरने के लिए बाध्य होंगे।
उपकेंद्रों पर पुलिस तैनात
मांडा के सभी उपकेन्द्रों पर इंस्पेक्टर मांडा दो, दो पुलिसकर्मी तैनात कर दिये हैं, जो उपकेन्द्रों की सुरक्षा कर रहे हैं। बिजली कब तक बाधित रहेगी, इसकी जानकारी भी कोई विद्युतकर्मी देने के लिए उपलब्ध नहीं है। सभी विद्युत अधिकारियों व कर्मचारियों के मोबाईल सोमवार प्रात: दस बजे से ही स्विचऑफ है। पूरे क्षेत्र में बिजली के लिए हाहाकार मचा हुआ है।
तहसीलदार का होता रहा दौरा
मंगलवार दोपहर बाद तहसीलदार मेजा दीपिका सिंह आपूर्ति बहाल कराने के लिए मांडारोड उपकेन्द्र पहुंची, लेकिन जिगना उपकेन्द्र से ही आपूर्ति न आने के कारण वे भी बैरंग हो गईं।