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बारा में खनन, खेतिहर मजदूरों ने किया प्रदर्शन

सोमवार को एआईकेएमएस कमेटी के नेतृत्व में सैकड़ों किसानों, बालू खनन, पत्थर खनन और खेत मजदूरों ने बारा तहसील में प्रदर्शन किया। प्रदर्शन करने वाले मजदूरों ने राष्ट्रपति को संबोधित एक ज्ञापन तहसीलदार...

सोमवार को एआईकेएमएस कमेटी के नेतृत्व में सैकड़ों किसानों, बालू खनन, पत्थर खनन और खेत मजदूरों ने बारा तहसील में प्रदर्शन किया। प्रदर्शन करने वाले मजदूरों ने राष्ट्रपति को संबोधित एक ज्ञापन तहसीलदार...
1/ 2सोमवार को एआईकेएमएस कमेटी के नेतृत्व में सैकड़ों किसानों, बालू खनन, पत्थर खनन और खेत मजदूरों ने बारा तहसील में प्रदर्शन किया। प्रदर्शन करने वाले मजदूरों ने राष्ट्रपति को संबोधित एक ज्ञापन तहसीलदार...
सोमवार को एआईकेएमएस कमेटी के नेतृत्व में सैकड़ों किसानों, बालू खनन, पत्थर खनन और खेत मजदूरों ने बारा तहसील में प्रदर्शन किया। प्रदर्शन करने वाले मजदूरों ने राष्ट्रपति को संबोधित एक ज्ञापन तहसीलदार...
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हिन्दुस्तान टीम,गंगापारMon, 14 Sep 2020 11:45 PM
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सोमवार को एआईकेएमएस कमेटी के नेतृत्व में सैकड़ों किसानों, बालू खनन, पत्थर खनन और खेत मजदूरों ने बारा तहसील में प्रदर्शन किया। प्रदर्शन करने वाले मजदूरों ने राष्ट्रपति को संबोधित एक ज्ञापन तहसीलदार बारा को सौंपा।

मजदूरों ने ज्ञापन के माध्यम से केंद्र सरकार खेती के तीन अध्यादेशों को वापस लेने , 2020 का नया बिजली कानून वापस लेने और पेट्रोल-डीजल की बढ़ी कीमतें वापस लेने की मांग की। मुट्ठी बांधे हुए, चेहरे पर मास्क लगाए, हाथों में झंडे, बैनर और प्लेकार्ड लिए हुए सैकड़ों की संख्या में “कारपोरेट भगाओ, किसानी बचाओ” का नारा लगाया।

अध्यक्ष का. रामकैलाश कुशवाहा ने कोरोना लाॅकडाउन के दौरान लोगों को राहत न पहुंचाने के लिए सरकार की आलोचना की और मांग की कि गरीबों को सरकार राहत दे। बताया कि सरकार ने खेती की लागत के दाम बढ़ा दिये हैं, जबकि किसानों के फसल की बिक्री व दाम की कोई सुरक्षा नहीं है। बड़े व्यापारी व कारपोरेट अपने मुनाफे को बढ़ाते जा रहे हैं और सरकार उनके हित में काम कर रही है। इन अध्यादेशों से लोगों की खाद्यान्न सुरक्षा घट जाएगी, क्योंकि खाने की पूरी श्रृंखला पर कारपोरेट का कब्जा हो जाएगा।

एआईकेएमएस महासचिव का. राजकुमार पथिक ने कहा कि मनरेगा में नियमित काम देना और किये काम का बकाया पेमेन्ट करना जरूरी है। किसानों के सभी कर्ज, समूह के ब्याज माफ होना चाहिए और वसूली अभी रोक देनी चाहिए। हरियाणा के किसानों पर दमन की निन्दा की। उपाध्यक्ष सुरेश निषाद ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने अकेले प्रयागराज में व सिर्फ जमुना नदी में बालू खनन काम में नाव के संचालन को बंद करने का गैरकानूनी आदेश, 24 जून 2019 पारित कर, लाखों बालू मजदूरों को बेरोजगार कर दिया है, जबकि मशीनों और लोडरों के प्रयोग से बालू माफिया की लूट जारी है। राम मूरत बिन्द ने मांग की कि सरकारी व सीलिंग की जमीन गरीबों,भूमिहीनों को देनी चाहिए।

सभा में हीरा लाल, रामू निषाद, राजकुमारी, मंजू, बृजलाल, सहदेई, राकेश यादव, मालती देवी, विनोद निषाद, फूलचन्द निषाद, राम सूरत बिन्द, विनय निषाद, मनी व अन्य शामिल थे। मजदूरों ने तहसीलदार बारा को ज्ञापन सौंपा। तहसीलदार बारा डाक्टर विशाल शर्मा ने उच्चाधिकारियों को भेजने का आश्वासन दिया।

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