कुरेसर गंगाघाट पर गुरुवार से शुरू हुई सात दिवसीय रामकथा के पहले दिन श्रद्धालु कथा का रसपान करने पहुंचे। सामाजिक दूरी का ध्यान रखते हुए कथा के दौरान श्रद्धालुओं ने जमकर ताली बजाई। संगीतमय रामकथा में श्री अयोध्याधाम से आए बाल व्यास रजत रसराज ने कहा कि जहां भगवान श्रीराम की कृपा होती है। उसी जगह राम कथा संभव हो पाती है। राम की कृपा वहीं होती है जहां उनके भक्त रहते हैं।
उन्होंने कहा कि प्रभु ने ही मानव शरीर बनाया है। बिना परिश्रम के कुछ भी मिलना संभव नहीं है। रामकथा से हर जीव की व्यथा दूर हो जाती है। संसार के सभी जीवों का मंगल राम कथा श्रवण से ही होगा। बाल व्यास रजत रसराज ने आगे कहा कि भगवान भक्त के अधीन होते हैं। भगवान का भक्त उन्हें जिस रूप में याद करता है। वह उसी रूप में दर्शन देते हैं। उन्होनें सुंदरकांड की कथा के साथ ही हनुमान जी की भगवान श्रीराम के प्रति अटूट भक्ति की कथा सुनाई। कथा के पूर्व सुनील तिवारी रुद्र ने कथावाचक को माल्यार्पण किया और पं. शिवमूर्ति द्विवेदी ने द्वीप प्रज्जवलित किया। मनोज केसरवानी, कंचन यादव, शिव यादव, नन्हू भगत, संजीव केसरवानी, सुप्रीत साहू, आचार्य सियाराम द्विवेदी, रज्जन केसरवानी, विक्रम श्रीवास्तव, सत्यम गुप्ता, नागेन्द्र उपाध्याय आदि लोग उपस्थित रहे।