छुट्टा मवेशियों के आतंक से कई एकड़ जमीन रहेगी परती
Gangapar News - मेजा और खीरी क्षेत्र के कई गांवों में छुट्टा पशुओं की समस्या इतनी बढ़ गई है कि किसान अब खेती करने से कतराने लगे हैं। किसान कहते हैं कि पशुओं के कारण फसल का भारी नुकसान हो रहा है और वे अब खेती नहीं...

मेजा और खीरी क्षेत्र के पालपट्टी, बड्डिहा, हरवारी, पिपरहटा, गड़ेरिया, धांधुआ, पिपरांव लोहरा, मझियारी, आदि गांवों में छुट्टा पशुओं का आतंक इतना बढ़ गया है कि कई एकड़ जमीन बिना जोते-बोये परती ही रहेगी। धान की फसल के समय पशुओं का आतंक और उससे हुए नुक़सान की मार झेल चुके किसानों में अब फिर से पूंजी लगाकर खेतों में बीज डालने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। किसानों का कहना है कि तीन ओर टोंस नदी से घिरे होने के कारण आसपास के कई गांवों के लोग मवेशी लाकर छोड़ देते हैं। जो फसल का नुकसान करते हैं। किसानों को अपने भोजन तक का अनाज नहीं मिल पाता है। इस सबके चलते अब हम लोगों ने यह निर्णय लिया है कि जब तक मवेशियों की रोकथाम नहीं की जाती, खेती नहीं करेंगे। पूर्व प्रधानाचार्य व पूर्व प्रधान रेंगा, लल्लू प्रसाद त्रिपाठी, किसान चंद्रोदया रजनीश तिवारी, किसान लोहरा अशर्फी लाल यादव, किसान पालपट्टी उदय भान सिंह आदि किसानों का कहना है कि हमारे क्षेत्र में पशुओं का आतंक अत्यधिक है। जिसके चलते हम लोगों ने गेहूं की खेती न करने का निर्णय लिया है।
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