पुलिस की मौजूदगी में बंटी खाद, ज्यादातर किसान लौटे बैरंग
Gangapar News - मांडा। पिछले चार दिनों से किसानों की भारी भीड़ और हंगामे के कारण मझिगवां
पिछले चार दिनों से किसानों की भारी भीड़ और हंगामे के कारण मझिगवां साधन सहकारी समिति में उपलब्ध खाद नहीं बंट पा रही थी। शुक्रवार को भीड़ देखते हुए दो सिपाही भी समिति तक आकर वापस चले गए थे। शनिवार को खबर प्रकाशित होने के बाद एक दरोगा व कुछ सिपाही मझिगवां समिति पर पहुंच कर खाद का वितरण कराये, लेकिन खाद कम और किसान अधिक होने के कारण ज्यादातर किसान बिना खाद ही वापस लौट गए। मांडा विकास खंड के मझिगवां साधन सहकारी समिति पर पिछले चार दिनों से 440 बोरी यूरिया उपलब्ध होने के बावजूद किसानों व महिला किसानों की भारी भीड़ व हंगामे के चलते खाद का वितरण नहीं हो पा रहा था।
शुक्रवार को समिति संचालक संतोष सिंह की मांग पर दो सिपाही समिति पर आये भी, लेकिन किसानों का हंगामा और भारी भीड़ देखकर दोनों सिपाही बेबस होकर वापस थाने लौट गये। मामले को शनिवार को आपके अपने हिंदुस्तान अखबार ने किसानों की भीड़ और हंगामे के कारण भागी पुलिस शीर्षक से खबर को वरीयता पूर्वक प्रकाशित किया। खबर का असर यह रहा कि दरोगा उमेश यादव के साथ दो तीन सिपाही मझिगवां साधन सहकारी समिति पर शनिवार को समय से पहुँच कर खाद का वितरण अपनी देखरेख में शुरु कराया। दोपहर तक सारी खाद वितरित हो गयी, लेकिन किसान अधिक और खाद कम होने के कारण तमाम किसानों को बैरंग वापस लौटना पड़ा। मांडा के हाटा और दिघिया साधन सहकारी समिति पर पहुँच पुलिस कर्मियों ने समिति में बची खाद का वितरण कराया। शनिवार को मांडा खास, कोसड़ाकला, महुआरीकला, महेवा कला, चकडीहा आदि समितियों में खाद न होने के कारण सन्नाटा रहा। समिति संचालकों ने डिमांड के अनुरूप चेक जमा कर दिया है, लेकिन जनपद से खाद न आ पाने के कारण किसानों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। क्षेत्रीय किसानों का कहना है कि इस समय बरसात बंद होने के बाद यूरिया खाद की सख्त जरूरत है। यदि समय से खाद न मिल पायी, तो खेती के उपज पर खराब असर पड़ेगा। तमाम किसानों ने जिला प्रशासन से मांडा की सभी समितियों पर डिमांड के अनुरूप खाद उपलब्ध कराने की मांग की है।
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