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शव रखकर चक्काजाम, निलंबित इंस्पेक्टर ने भांजी लाठी

कोरांव स्थित एक अस्पताल में भर्ती महिला की मौत के बाद परिजनों ने झोलाछाप डॉक्टर के खिलाफ आक्रोश जताते हुए सोमवार को सड़क जाम कर दिया। आश्चर्य की बात...

कोरांव स्थित एक अस्पताल में भर्ती महिला की मौत के बाद परिजनों ने झोलाछाप डॉक्टर के खिलाफ आक्रोश जताते हुए सोमवार को सड़क जाम कर दिया। आश्चर्य की बात...
1/ 2कोरांव स्थित एक अस्पताल में भर्ती महिला की मौत के बाद परिजनों ने झोलाछाप डॉक्टर के खिलाफ आक्रोश जताते हुए सोमवार को सड़क जाम कर दिया। आश्चर्य की बात...
कोरांव स्थित एक अस्पताल में भर्ती महिला की मौत के बाद परिजनों ने झोलाछाप डॉक्टर के खिलाफ आक्रोश जताते हुए सोमवार को सड़क जाम कर दिया। आश्चर्य की बात...
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हिन्दुस्तान टीम,गंगापारTue, 26 Oct 2021 03:32 AM
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कोरांव। हिन्दुस्तान संवाद

कोरांव स्थित एक अस्पताल में भर्ती महिला की मौत के बाद परिजनों ने झोलाछाप डॉक्टर के खिलाफ आक्रोश जताते हुए सोमवार को सड़क जाम कर दिया। मांडा चौराहे पर जाम लगने से आवागमन प्रभावित होने लगा। सूचना मिलने पर पुलिस भी वहां पहुंच गई। आश्चर्य की बात थी कि कुछ दिनों पहले शाइन सिटी प्रकरण में निलंबित हुए कोरांव इंस्पेक्टर रवींद्र सिंह वर्दी में दिखे। उन्होंने न केवल कानून व्यवस्था संभाला बल्कि लाठी भांजते हुए जाम लगाने वाले को खदेड़ा। इसके बाद शव को थाने भिजवाया गया। निलंबित इंस्पेक्टर की इस कार्रवाई को लेकर पुलिस महकमे में तरह तरह की चर्चाएं हैं। वहीं, इस मामले में डीआईजी सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी ने जानकारी से अनभिज्ञता जताई।

रीवा के हनुमना थाना में ढाबा गौतमान निवासी बैजनाथ साकेत की पत्नी किरण देवी साकेत (30) को पेट में कई दिनों से दर्द था। तराव गांव का आशीष पटेल उसी गांव में डॉक्टरी करता है। वह महिला को कोरांव स्थित हरिओम मेडिकेयर के नाम से नर्सिंग होम चलाने वाले डॉ. अखिलेश पाल के अस्पताल में ले गया। रविवार को किसी अन्य डॉक्टर ने महिला के पेट का ऑपरेशन कर दिया। बाद में महिला की मौत हो गई। अपने सिर से बला टालने के लिए अखिलेश ने मृत महिला को जिला अस्पताल रेफर कर दिया। बीच में ही किसी डॉक्टर ने महिला को मृत घोषित कर दिया। अखिलेश ने एंबुलेंस करके महिला के शव को उसके घर ढाबा गौतमान पहुंचा दिया। डॉक्टर एक लाख में सौदा तय करने लगा लेकिन परिजन नहीं माने। महिला के शव को लेकर उसी अस्पताल में पहुंचे। तब तक डॉक्टर अस्पताल का बोर्ड हटाकर फरार हो गया। परिजन हंगामा काटने लगे तो भीड़ इकट्ठा हो गई और पुलिस भी पहुंच गई।

पुलिस के रवैये से असंतुष्ट परिजनों ने शव को कोराव मांडा चौराहे पर रखकर चक्काजाम कर दिया। डॉक्टर पर किडनी निकालने और पुलिस पर कार्रवाई न करने का आरोप लगाकर नारेबाजी करते हुए हंगामा काटने लगे। इसी बीच निलंबित इंस्पेक्टर रवींद्र सिंह पहुंचे। पुलिसिया धौंस दिखाते हुए लाठियां भांजकर शव को जबरन थाने उठा ले गए। पुलिस की इस तरह कार्रवाई की लोगों ने जमकर निंदा की।

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