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कानपुर विकास प्राधिकरण के साथ ही हो गई जालसाजी, 1.68 अरब की जमीन हो गई दूसरों के नाम

  • 69 किसानों ने जालसाजी के जरिए केडीए के स्वामित्व वाली 4.5788 हेक्टेयर भूमि पर राजस्व अभिलेखों में अपना नाम दर्ज करा लिया। इसका खुलासा होने पर केडीए उपाध्यक्ष मदन सिंह गर्ब्याल, सचिव अभय कुमार के निर्देश पर जांच कराई गई तो पोल खुल गई। जमीन की कीमत 1.68 अरब रुपये से ज्यादा है।

Ajay Singh हिन्दुस्तान, प्रमुख संवाददाता, कानपुरSun, 29 Dec 2024 02:04 PM
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कानपुर विकास प्राधिकरण के साथ ही हो गई जालसाजी, 1.68 अरब की जमीन हो गई दूसरों के नाम

Land Fraud: कानपुर और इससे सटे क्षेत्रों के 69 किसानों ने जालसाजी के जरिए केडीए के स्वामित्व वाली 4.5788 हेक्टेयर भूमि पर राजस्व अभिलेखों में अपना नाम दर्ज करा लिया। इसका खुलासा होने पर केडीए उपाध्यक्ष मदन सिंह गर्ब्याल, सचिव अभय कुमार के निर्देश पर जांच कराई गई तो पोल खुल गई। इस जमीन की कीमत 1.68 अरब रुपये से ज्यादा है। जांच के बाद बाद केडीए ने अपने आधिपत्य वाली जमीन पर मालिकाना की राजस्व अभिलेखों में इंट्री करा ली। अब कानपुर विकास प्राधिकरण जालसाज किसानों के खिलाफ कूटरचित धाराओं में मुकदमा दर्ज कराने की तैयारी में है। विशेष कार्याधिकारी रवि प्रताप सिंह की अध्यक्षता में टीम बनी है। नायब तहसीलदार मौजीलाल,लेखपाल जगजीवन राम और विशम्भर दयाल से ग्राम-पनकी गंगागंज की आराजीवार जांच में खेल का भंडाफोड़ हुआ। 69 में से 69 मामले अकेले पनकी के गंगागंज के हैं।

केडीए की सीमा में हर इलाके में होगी जांच

केडीए अफसरों के मुताबिक पनकी के अलावा कई और जगह इस तरह राजस्व अभिलेखों में हेरफेर करके कुछ जालसाजों ने फर्जी तरीके से अपने नाम की इंट्री कराई है। एक अभियान चलाकर केडीए परिधि में उसके आधिपत्य वाली जमीनों की नापजोख कराएंगे और जहां-जहां एसे मामले मिले तो नाम खारिज करा केडीए अपना नाम दर्ज कराएगा।

निलंबित लेखपाल के खिलाफ एफआईआर

वहीं कानपुर के मकसूदाबाद ग्रीन बेल्ट पर कब्जे के आरोपियों को बचाने और फंसाने के मामले में दो साल पहले निलंबित हुआ लेखपाल भ्रष्टाचार में फंस गया है। उप सचिव गृह के निर्देश पर हुई जांच में उसे आय से अधिक खर्च मामले में आरोपी पाते हुए एंटी करप्शन ने एफआईआर दर्ज कराई।

चकेरी के सुजानपुर भवानी नगर देहली निवासी लेखपाल अमित दीक्षित के खिलाफ वर्ष 2022 में गृह विभाग में गोपनीय शिकायत हुई थी। उप सचिव गृह के निर्देश पर एंटी करप्शन टीम ने जांच शुरू की। तीन अक्तूबर 2023 को शुरू हुई जांच में पता चला कि एक अवधि में लेखपाल ने आय के श्रोतों से 50,04,870 की कमाई की। खर्च का आकलन हुआ तो पता चला कि उस अवधि में विभिन्न परिसंपत्तियों और पारिवारिक भरण पोषण में उसने 62,61,374 रुपये खर्च किए। 12,56,504 रुपये अतिरिक्त खर्च किए।

17 आरोपियों को बचाने-फंसाने का हुआ था खेल

दो साल पहले मकसूदाबाद की 104 बीघा 8 बिस्वा जमीन पर कब्जा करने वाले 17 आरोपियों को बचाने और फंसाने के मामले में लेखपाल अमित का नाम आया था। जमीन कब्जाने का मामला सामने आने के बाद एक रिपोर्ट तैयार हुई जिसमें 17 लोगों के नाम सामने आए। इस रिपोर्ट को बदलकर कुछ नाम हटा दिए गए थे। इसके एवज में वसूली किए जाने का ऑडियो वायरल हुआ था।