पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति को हाईकोर्ट से झटका, रेप के मामले में जमानत याचिका खारिज
पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति को हाईकोर्ट से झटका लगा है। कोर्ट ने जमानत याचिका खारिज कर दी है। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने दुराचार के मामले में जमानत पर रिहा करने से इनकार कर दिया।
पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति को हाईकोर्ट से झटका लगा है। गायत्री प्रसाद प्रजापति की जमानत खारिज कर दी है। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने दुराचार के मामले में जमानत पर रिहा करने से इनकार कर दिया। गायत्री प्रजापति दुराचार के मामले में उम्र कैद की सजा काट रहे हैं। गायत्री प्रसाद ने हाईकोर्ट में सजा के खिलाफ अपील की है। अपील विचाराधीन रहने के दौरान जमानत पर रिहा करने की मांग की थी। उक्त अपीलों में जमानत के प्रार्थना पत्रों पर न्यायालय ने 10 सितम्बर को अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था।
दरअसल,18 फरवरी, 2017 को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गायत्री प्रसाद प्रजापति व अन्य छह अभियुक्तों के खिलाफ थाना गौतमपल्ली में गैंगरेप, जानमाल की धमकी व पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था। सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश पीड़िता की याचिका पर दिया था। पीड़िता ने गायत्री प्रजापति व उनके साथियों पर गैंगेरप का आरोप लगाते हुए अपनी नाबालिग बेटी के साथ भी जबरन शारीरिक संबध बनाने का आरोप लगाया था।
18 जुलाई, 2017 को पॉक्सो की विशेष अदालत ने इस मामले में गायत्री समेत सभी सात अभियुक्तों विकास, आशीष, अशोक, अमरेंद्र, चंद्रपाल व रुपेश्वर के खिलाफ आईपीसी की धारा 376 डी, 354 ए(1), 509, 504 व 506 में आरोप तय किया था। साथ ही गायत्री, विकास, आशीष व अशोक के खिलाफ पॉक्सो एक्ट की धारा 5जी/6 के तहत भी आरोप तय किया था। 12 नवम्बर 2021 को सत्र अदालत ने गायत्री, आशीष शुक्ला व अशोक तिवारी को उम्र कैद की सजा सुनाई, जबकि बाकी आरोपियों रूपेश्वर उर्फ रूपेश, चंद्रपाल, विकास वर्मा व अमरेंद्र सिंह उर्फ पिंटू को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया था।
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