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लापरवाही से दो गोशालाओं में 8 गाय मरीं

गोशालाओं में अव्यवस्थाएं गायों की मौत का कारण बन रही हैं। सर्दी के बीच एक ओर जहां उनके आश्रय स्थलों पर पर्याप्त संसाधन नहीं हैं तो वहीं बारिश और ओलों के गिरने के बाद बढ़ी सर्दी और कीचड़ ने दो गोशालाओं...

गोशालाओं में अव्यवस्थाएं गायों की मौत का कारण बन रही हैं। सर्दी के बीच एक ओर जहां उनके आश्रय स्थलों पर पर्याप्त संसाधन नहीं हैं तो वहीं बारिश और ओलों के गिरने के बाद बढ़ी सर्दी और कीचड़ ने दो गोशालाओं...
1/ 2गोशालाओं में अव्यवस्थाएं गायों की मौत का कारण बन रही हैं। सर्दी के बीच एक ओर जहां उनके आश्रय स्थलों पर पर्याप्त संसाधन नहीं हैं तो वहीं बारिश और ओलों के गिरने के बाद बढ़ी सर्दी और कीचड़ ने दो गोशालाओं...
गोशालाओं में अव्यवस्थाएं गायों की मौत का कारण बन रही हैं। सर्दी के बीच एक ओर जहां उनके आश्रय स्थलों पर पर्याप्त संसाधन नहीं हैं तो वहीं बारिश और ओलों के गिरने के बाद बढ़ी सर्दी और कीचड़ ने दो गोशालाओं...
2/ 2गोशालाओं में अव्यवस्थाएं गायों की मौत का कारण बन रही हैं। सर्दी के बीच एक ओर जहां उनके आश्रय स्थलों पर पर्याप्त संसाधन नहीं हैं तो वहीं बारिश और ओलों के गिरने के बाद बढ़ी सर्दी और कीचड़ ने दो गोशालाओं...
हिन्दुस्तान टीम,फिरोजाबादSat, 14 Dec 2019 11:56 PM
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गोशालाओं में अव्यवस्थाएं गायों की मौत का कारण बन रही हैं। सर्दी के बीच एक ओर जहां उनके आश्रय स्थलों पर पर्याप्त संसाधन नहीं हैं तो वहीं बारिश और ओलों के गिरने के बाद बढ़ी सर्दी और कीचड़ ने दो गोशालाओं में आठ गायों की जान ले ली। अभी दर्जनभर से ज्यादा गायें जीवन मौत से जूझ रही हैं।

बड़े गांव की गोशाला में हालात बेहद खराब

जसराना तहसील क्षेत्र में बड़े गांव में गोशाला का संचालन हो रहा है। इसमें एक ही टिनशेड बीच में बना है। उसमें गायों को रात के समय घेरकर कर दिया जाता है। गोशाला में करीब 400 गायें हैं लेकिन टिनशेड का स्थान पर्याप्त नहीं हैं। इसके अलावा बारिश होते ही पूरे परिसर में कीचड़ हो गया है। इस दौरान सर्दी के बचाव के इंतजाम नहीं होने से गायों की मौत हो रही है। शनिवार को छह गायों की मौत की पुष्टि की गई। यहां पर एक दर्जन से अधिक गायें इधर-उधर कीचड़ में पड़ी हुई हैं जो बीमार हो चुकी हैं और उनका उपचार भी शुरू नहीं हो पाया है। उपचार के अभाव में गायों की मौत का सिलसिला लगातार जारी रह सकता है।

प्रधान बोले नहीं मिला मई से कोई बजट

प्रधान रामबरन ने बताया कि मई माह से गोशाला के लिए शासन प्रशासन की ओर से कोई धनराशि नहीं दी गई है। ऐसे में गायों का पालन पोषण करने में परेशानी आ रही है।

भाकियू भानू ने पहुंचकर जताया गुस्सा

शनिवार को भाकियू भानू के प्रदेश महासचिव विजेंद्र सिंह टाइगर ने पहुंचकर बड़े गांव की गोशाला में गायों की खराब स्थिति देखकर गुस्सा जाहिर किया। उन्होंने कहा कि आधा दर्जन गाय मर गई हैं और एक दर्जन से अधिक की हालत खराब है। वे कीचड़ में तड़प रही हैं और प्रशासन इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा। आखिर इन गोशालाओं से क्या फायदा। चारा से लेकर उनके रखरखाव, सर्दी से बचाव के पर्याप्त इंतजाम भी नहीं हैं।

अलाव लगाने के इंतजाम नहीं दिखे

एक ओर प्रशासन ने गायों के आश्रय स्थलों पर अलाव के आदेश दिए हैं। कुछ जगह दिखावे को अलाव जलाए और प्रशासन तक अपनी फोटो पहुंचाने के बाद फिर गायों के साथ हद दर्जे की लापरवाही कर दी। यही कारण है कि सर्दी में गायों की मौत का सिलसिला बढ़ सकता है।

अस्थायी गोशाला में दो गायों की मौत

नगर पंचायत जसराना की अस्थाई गोशाला में भी शनिवार को दो गायों की मौत हो गई। इन गायों को अस्थाई गोशाला पानी की टंकी से नगर पंचायत की गाड़ी उठाकर ले गई और दफना दिया। यहां भी गायों का रखरखाव ठीक नहीं है। वहीं सर्दी से बचाव के पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं।

बोले तहसीलदार

- बड़ा गांव में गायों की मौत की जानकारी नहीं मिली है। गायों की बारिश और सर्दी से बचाव के लिए टिनशेड और डाली जाएगी। गायों की अगर मौत हुई है तो रविवार को इसकी जांच कराएंगे। जो बीमार गाय हैं उनका उपचार कराया जाएगा।

- ब्रह्माचंद कठेरिया, तहसीलदार जसराना

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