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रेल की धरोहर बनेगी टूंडला स्टेशन की पूर्वी केबिन

टूंडला रेलवे स्टेशन की पूर्वी केबिन अब इतिहास बताएगी। इलैक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग के कार्य के शुरू होने के बाद सभी केबिनों को तोड़ने की योजना रेल प्रशासन ने बनाई है। एकमात्र इस केबिन को अधिकारी संरक्षित...

रेल की धरोहर बनेगी टूंडला स्टेशन की पूर्वी केबिन
हिन्दुस्तान टीम,फिरोजाबादFri, 12 Jul 2019 08:13 PM
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टूंडला रेलवे स्टेशन की पूर्वी केबिन अब इतिहास बताएगी। इलैक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग के कार्य के शुरू होने के बाद सभी केबिनों को तोड़ने की योजना रेल प्रशासन ने बनाई है। एकमात्र इस केबिन को अधिकारी संरक्षित करके धरोहर में शामिल करेंगे।

दिल्ली-हावड़ा रेलखंड पर सोनपुर के बाद टूंडला रेलवे स्टेशन एकमात्र ऐसा रेलवे स्टेशन बचा हुआ था। जहां इलैक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग का कार्य नहीं हुआ था। इसके चलते ट्रेनों के रेल ट्रैक बदलने को रेलकर्मियों के द्वारा केबिनों से लीवर फ्रेम को खींचकर ही रेलपथ बदला जा रहा था। ऐसे में कई बार मानवीय चूक भी हो चुकी है। रेल प्रशासन ने इस पूरे रेलखंड को इलैक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग करा दिया है। अब यह कार्य टूंडला में शुरू हो चुका है।

इस कार्य के चलते फिलहाल में बनी हुईं सभी पूर्वी, पश्चिमी, पूर्वी मध्य केबिन और केंद्रीय केबिन को तोड़कर लीवर फ्रेमों को हटाया जाएगा। रेल प्रशासन ने इन सभी केबिनों को तोड़ने की योजना में बदलाव करते हुए पूर्वी केबिन को संरक्षित करते हुए धरोहर में शामिल करने का निर्णय लिया है। रेल प्रशासन की मंशा है कि पूर्वी केबिन जोकि चुल्हावली आउटर के नजदीक है। इसे नहीं तोड़ा जाएगा बल्कि इसे संरक्षित करने के बाद कुछ लीवर फ्रेम इसमें लगे रहने दिए जाएंगे। इसकी मदद से आने वाली पीढ़ी को हम पुरानी तकनीकि से ट्रेनों को दौड़ाए जाने का तरीका बता सकेंगे। इस केबिन में कुछ लीवर फ्रेमों को छोड़ा जाएगा। इससे सिग्नल भी चालू और बंद होगा।

हाईटेक होगा दिल्ली-हावड़ा रेलखंड

रेल प्रशासन पूरी तरह से दिल्ली-हावड़ा रेलखंड को हाईटेक करने के साथ ही टूंडला स्टेशन की केबिन को संरक्षित करने की योजना पर काम कर रहा है। इसके बाद टूंडला अपने आप में एक प्रमुख रेलवे स्टेशन साबित होगा।

पूर्वी केबिन होगी संरक्षित: पीआरओ

पीआरओ इलाहाबाद सुनील गुप्ता का कहना है कि अभी इलैक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग के कार्य में समय लगेगा। इसके बाद ही केबिनों को तोड़ा जाएगा। फिलहाल पूर्वी केबिन को संरक्षित किए जाने की योजना पर विचार-विमर्श चल रहा है।

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