थक के हो रहे चूर, मंजिल है अभी दूर
फरीदाबाद, दिल्ली, नोयडा, हरियाणा से लगातार मजदूरों के पैदल चलकर आने का सिलसिला जारी है। उनके पैर चलते हुए थक चुके हैं। शरीर जवाब दे रहा है लेकिन मंदिल कोसों दूर होने के चलते उन्हें घर पहुंचने की...
फरीदाबाद, दिल्ली, नोयडा, हरियाणा से लगातार मजदूरों के पैदल चलकर आने का सिलसिला जारी है। उनके पैर चलते हुए थक चुके हैं। शरीर जवाब दे रहा है लेकिन मंदिल कोसों दूर होने के चलते उन्हें घर पहुंचने की जल्दी भी है।
मजदूरों का कहना है कि उनको रास्ते में किसी पुलिस द्वारा नहीं रोका जा रहा। जब मीडिया वाले आ जाते हैं तो पुलिस सख्ती दिखाने लगती है अन्यथा जिलों का बार्डर क्रास करने में कोई परेशानी नहीं आ रही। अगर प्रशासन हमें रोककर खाना लिखाए और बसों में बिठाकर हमारे राज्यों को भिजवा दे तो हमें पैदल चलने का शौक नहीं। मजबूरी है कि जब कोई रास्ता नहीं बचा तभी साइकिल, रेहड़ी, पैदल, बाइक से चलकर अपने घरों के लिए जा रहे हैं।
वेस्ट बंगाल जा रहे ऑटो से
ऑटो से दिल्ली से वेस्ट बंगाल जा रहे कन्ही लाल ने बताया कि परिवार हताश हो गया है। हम ऑटो में बैठे हुए लगातार चलते हैं तो पैर सुन्न पड़ जाते हैं। रुककर थकान मिटाने के साथ जहां खाना मिल जाता है, वहीं सुस्ताने लगते हैं।
पुलिसकर्मियों ने दिए बिस्कुट
टूंडला की पुलिस मजदूरों के पेट में अन्ना का दाना पहुंचाने का काम कर रही है। फिरोजाबाद-आगरा बार्डर पर एफएच मेडिकल कालेज के सामने ही एक टैंट लगाया है। इसमें मजदूरों को रोका जाता है और उनको पुलिसकर्मी बिस्कुट देकर खिला रहे हैं।
आंख बचते ही निकल जाते हैं मजदूर
टूंडला बार्डर पर पुलिस जब डग्गामार वाहनों से मजदूरों क उतारने में जुट जाती है तो पैदल या रेहड़ी, बाइकों से जाने वाले मजदूर तेजी से निकलकर बार्डर पार कर जाते हैं।
आगरा कैंट के लिए भिजवाए मजदूर
फिरोजाबाद की पुलिस ने टूंडला में जब मजदूरों को प्रवेश नहीं करने दिया तो उन मजदूरों को एत्मादपुर और टूंडला पुलिस ने आगरा कैंट भिजवाया ताकि रोडवेज बसों से इन्हें गंतव्य के लिए भिजवाया जा सके।
साइकिल सवारों को लौटाया
दिल्ली से बिहार जा रहे मजदूरों को टूंडला पुलिस ने जब लौटाया तो वे परेशान हो गए। इसके बाद वे आगरा की ओर डीसीएम में बिठाकर भेज दिए।
रोकने की बजाए लौटा दिए मजदूर
दिल्ली से बिहार जा रहे मजदूर जब साइकिलों से आए तो उनको टूंडला पुलिस ने लौटाना शुरू कर दिया। उनको कहा कि आगरा की ओर जाओ, वहीं की पुलिस आपको भिजवाने का काम करेगी। इसके बाद बेचारे मजदूर वापस चले गए। आखिर पुलिस चाहती तो टूंडला के बीरी सिंह में इन्हें रोककर प्रशासन द्वारा भेजी जा रहीं बसों से रवाना किया जा सकता था।
नगला मिर्जा का परिवार खड़ा रहा धूप में
फिरोजाबाद के नगला मिर्जा का परिवार दिल्ली से रेहड़ी से आ रहा था। उसने पुलिस से काफी मिन्नतें करते हुए कहा कि बेटी और पत्नी धूप में परेशान हैं। वे शहर में जाकर क्वारंटाइन हो जाएंगे लेकिन उन्हें बार्डर से जाने दो। इसके बाद भी पुलिस ने आगरा के लिए लौटा दिया।
औरैया के परिवार को खिलाया खाना
फरीदाबाद से बाइक से औरैया जा रहे परिवार को भूख लगी। चलते हुए परेशान भी हो गया। इसके बाद लोगों ने उनको खाना दिया तो वह थोड़ी देर के लिए रुके और खाना खाने के बाद रवाना हुए।
खेतों में ही सो रहे हैं मजदूर
बिहार के लिए दिल्ली से आए दंपति को थकान हुई तो अपना रिक्शा सड़क किनारे खेत में खड़ा कर दिया। इसके बाद सो गया। उनका बच्चा खेलता हुआ दिखा। थकान ऐसी थी कि उनको कुछ भी होश नहीं था।
झारखंड के लिए बाइकों से निकले
झारखंड जाने वाले परिवार बाइकों से दिल्ली से निकलकर आए हैं। उन्होंने बताया कि जहां भी थकान होती है तो वे हाईवे किनारे ही रुककर कुछ खा लेते हैं फिर आगे बढ़ जाते हैं। अगर प्रशासन उनको भिजवाने में मदद करता तो दिक्कत नहीं आती।
केले खाकर मिटाई भूख
फरीदाबाद से लौटा एक परिवार काफी भूखा था। लोगों ने उसको केला खाने को दिए। महिला और उसकी बच्ची इन्हें सड़क किनारे बैठकर खाने लगे। राखी ने बताया कि जो मिल जाता है उसी से पेट भरना अब मजबूरी हो गया है।
रायबरेली तक पैदल कर रहे रास्ता तय
पंजाब से रायबरेली के लिए पैदल जा रहे लोगों का दल सरकार से मदद नहीं मिलने से गुस्से में दिखा। कहा कि दिल्ली से फिरोजाबाद तक आ गया किसी ने नहीं रोका। आखिर जनपद के अधिकारी एक दूसरे पर क्यों बला टाल रहे हैं और उसकी सजा मजदूरों को पैदल चलकर भुगतनी पड़ रही है।
मजदूरों को खाना खिलाने में लोग बन रहे मददगार
फिरोजाबाद। मजदूरों को मजबूरी में भूखे पेट ही हाईवे पर चलना पड़ रहा है। जिसको बस का इंतजाम हो गया वह बस से चला गया और जिन्हें नहीं हुआ वे अपने तरीके से ही गंतव्य को जा रहे हैं।
इन मजदूरों को फिरोजाबाद में तमाम जगहों पर लोगों द्वारा भोजन मुहैया कराया जा रहा है। टूंडला के बार्डर पर ही कुछ लोग भोजन पहुंचाने में जुट जाते हैं तो दूसरी ओर राजा का ताल पर लोग सब्जी और पूड़ी को दिनभर बांटते हुए दिखते हैं। सिक्सलेन नए बाईपास पर भी लोग अपने साथियों के साथ भोजन, खिचड़ी का वितरण करते हैं। मक्खनपुर में समाजसेवियों द्वारा खाना, पानी, खीरा का वितरण किया जा रहा है। इससे मजदूरों को थकान के बीच थोड़ा ठहरने और कंठ की प्यास के साथ पेट की भूख मिटाने का समय मिल रहा है।
बिहार जाने वालों को रोका, बसों का कराया इंतजाम
फिरोजाबाद। हाईवे से होकर जाने वाले मजदूरों को रोका और फिर रोडवेज बस स्टैंड पर भिजवाया। इनको यहां पर नगर निगम की कम्युनिटी किचन से भोजन कराया। इसके बाद सोमवार की दोपहर बाद बस का इंतजाम कराकर उनके राज्य तक भिजवाया। इनमें महिला-पुरुष और बच्चे शामिल थे। उन्होंने बताया कि पैदल चलते हुए इतने थक गए हैं कि चलना दूभर हो रहा था। प्रशासन ने हमें भिजवाने का जो इंतजाम कराया है वह अच्छा कदम है।