उगते सूर्य को अर्ध्य देकर पूर्ण हुआ छठ व्रत
रविवार को सुबह के समय सूर्यदेव को अर्ध्य देने के बाद ही चार दिवसीय छठ महोत्सव संपन्न हो गया। सूर्य को कच्चे दूध से अर्ध्य देने के बाद सभी व्रती महिलाओं ने अपना निर्जला व्रत...
रविवार को सुबह के समय सूर्यदेव को अर्ध्य देने के बाद ही चार दिवसीय छठ महोत्सव संपन्न हो गया। सूर्य को कच्चे दूध से अर्ध्य देने के बाद सभी व्रती महिलाओं ने अपना निर्जला व्रत तोड़ा।
छठ महोत्सव के तीसरे दिन से ही महिलाएं निर्जला व्रत धारण कर लेती हैं। इसदिन शाम के समय पानी में खड़े होकर अस्त होते सूर्य को अर्ध्य दिया जाता है। यह निर्जला व्रत चौथे दिन तक चलता है। चौथे दिन उगते हुए सूर्य को अर्ध्य देकर ही व्रत तोड़ा जाता है। नगर में छठ पूजा के चौथे दिन सुबह से ही व्रती महिलाएं सूर्य के उगने का इंतजार करने लगीं। जैसे ही सूर्यदेव दिखाई दिए वैसे ही व्रती महिलाएं एक बार फिर पानी में खड़ी हुई और हाथों में मौसमी फल, सब्जी और पूजा की सामग्री को लेकर सूर्यदेव को अर्ध्य देकर पूजा-अर्चना करना शुरू कर दिया। पूजा के बाद सभी व्रती महिलाओं ने उगते हुए सूर्य को अर्ध्य देकर अपना व्रत तोड़ा। महिलाओं का यह व्रत 36 घंटे तक चलता है।