सुप्रीम कोर्ट की रोक हटने पर नहीं मिल पा रही परमीशन
सुप्रीम कोर्ट की लगाई गई अस्थाई रोक हटने के बावजूद घनी आबादी में संचालित इकाइयां शहर से बाहर ट्रांसफर नहीं हो पा रहीं। शीर्ष अदालत के आदेश के बाद भी आवेदक उद्यमियों को टीटी जोन अथॉरिटी से परमीशन नहीं...
सुप्रीम कोर्ट की लगाई गई अस्थाई रोक हटने के बावजूद घनी आबादी में संचालित इकाइयां शहर से बाहर ट्रांसफर नहीं हो पा रहीं। शीर्ष अदालत के आदेश के बाद भी आवेदक उद्यमियों को टीटी जोन अथॉरिटी से परमीशन नहीं मिल पा रही। जिससे वे अपनी इकाई को शहर से बाहर स्थापित नहीं कर पा रहे हैं।
एमसी मेहता की याचिका पर चल रही सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने टीटी जोन में स्टेटस को (अस्थाई रोक) का अंतरिम आदेश पारित कर दिया था। जिसके तहत समूचे टीटीजेड में अदालत ने यथास्थिति कायम रखने का आदेश जारी कर दिया था। जिससे टीटी जोन में विकास व उद्योग से जुड़ी अनेक गतिविधियां बाधित हो गई थीं।
इधर यूपी सरकार द्वारा अपना जवाब दाखिल करने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने स्टेटस को हटा दिया। यानी कि अपना अंतरिम छह दिसंबर 2019 को आदेश वापस ले लिया। इसके बाद इकाइयों के पुर्नस्थापन यानी ट्रांसफर प्रक्रिया आसान हो जानी चाहिए थी। लेकिन शीर्ष अदालत द्वारा लगाई गई अस्थाई रोक हटने के बाद भी टीटी जोन अथॉरिटी इस बावत अभी तक कोई निर्णय नहीं ले सकी है। जिसके चलते उद्यमियों को अथॉरिटी से इकाई ट्रांसफर की परमीशन नहीं मिल पा रही।
शहर से बाहर जाना चाहती हैं आधा दर्जन इकाइयां
घनी आबादी में चल रही आधा दर्जन चूड़ी व कांच इकाइयां
शहर से बाहर जाना चाहती हैं। जिसमें गोविंद ग्लास वर्क्स स्टेशन रोड, क्वालिटी ग्लास स्टेशन रोड, लेबर ग्लास मौढ़ा आदि इकाइयां शामिल हैं। उद्यमी इकाई ट्रांसफर की परमीशन के लिए उद्योग विभाग से लेकर टीटी जोन अथॉरिटी आगरा के चक्कर लगा रहे हैं।
उद्योग विभाग के अफसरों ने खड़े किए हाथ
इकाइयों के ट्रांसफर की परमीशन को लेकर उद्योग विभाग के अफसरों ने अपने हाथ खड़े कर दिए हैं। अधिकारी कहते हैं कि इस मामले में वे कुछ नहीं कर सकते। स्टेटस को हटने के बाद इस संबंध में टीटी जोन अथॉरिटी चेयरमैन का दायित्व संभाल रहे कमिश्नर आगरा ही निर्णय ले सकते हैं।
- शहर के कई उद्यमी घनी आबादी से अपनी इकाई को बाहर पुर्नस्थापित कराना चाह रहे हैं। लेकिन इसमें हम अपने स्तर से कुछ नहीं कर सकते। इकाई को परमीशन देने का निर्णय टीटी जोन अथॉरिटी को लेना है।
- अमरेश कुमार पांडेय, उपायुक्त उद्योग।