नगला पचिया में घरों में पानी घुसने, दीवारें चटकने पर दिया धरना
नगला पचिया में जलभराव के विरोध में सोमवार को दर्जनों लोग अपना आक्रोश व्यक्त करते हुए धरने पर बैठ गए। गुस्साए लोगों ने काफी देर तक नगर निगम के खिलाफ...
नगला पचिया में जलभराव के विरोध में सोमवार को दर्जनों लोग अपना आक्रोश व्यक्त करते हुए धरने पर बैठ गए। गुस्साए लोगों ने काफी देर तक नगर निगम के खिलाफ नारेबाजी की। क्षेत्रीय लोगों का कहना था कि क्षतिग्रस्त नालियों के कारण उनके मकान की दीवारें दरकने लगी हैं। धरना-प्रदर्शन की जानकारी मिलते ही मौके पर नगर निगम के अधिकारी तत्काल पहुंच गए। आश्वासन के बाद धरना खत्म कर दिया गया।
जलभराव की समस्या पिछले एक वर्ष से बताई जाती है। जलभराव के कारण जब क्षेत्र के मकानों को नुकसान पहुंचने लगा तो लोगों का सब्र का बांध टूट गया। तथा लोग नारेबाजी करते हुए सड़क पर आकर धरने पर बैठ गए। लोग काफी देर तक नारेबाजी करते रहे। मौके पर मौजूद लोगों ने बताया कि नालियां टूटने के कारण इसका पानी खाली प्लॉट से होकर समीपवर्ती मकानों में घुस रहा है। जिसके कारण मकान की दीवारें दरकने लगी हैं। कई बार शिकायत करने के बाद भी नगर निगम में उनकी कोई पीड़ा सुनने को तैयार नहीं। इसी के विरोध में यह धरना-प्रदर्शन शुरू किया। धरना-प्रदर्शन की जानकारी मिलते ही नगर निगम के अधिशासी अभियंता समेत कई अधिकारी मौके पर पहुंच गए। काफी प्रयासों के बाद लोगों को समझा-बुझाकर शांत किया। धरना-प्रदर्शन में महिलाओं की संख्या अधिक थी। महिलाओं ने अपने नाम मीरा देवी, शांति देवी, मीरा देवी पत्नी मुन्ना लाल, नेमा देवी, ज्ञान देवी, गुड्डी देवी एवं सुनीता बताएं। नगर निगम सीमा के अंतर्गत नगला पचिया नई आबादी का क्षेत्र है। हिमायूंपुर से सटा यह क्षेत्र कभी गांव के रूप में पहचान रखता था।
मीरादेवी का मकान सबसे अधिक प्रभावित
मौके पर मौजूद मीरा देवी पत्नी स्वर्गीय हरिबाबू मैं अपना मकान दिखाते हुए कहा कि जलभराव के कारण उनका लाखों का नुकसान हुआ है। ऐसी कोई दीवार नहीं जो चटकी न हो। दीवाल चटकने से कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है।
जलभराव के कारण पलायन को मजबूर लोग
धरना पर बैठे लोगों ने बताया कि जलभराव की समस्या हल न होने के कारण लोग बेहद परेशान हैं तथा वह पलायन को भी मजबूर हो गए हैं। उन्होंने बताया कि क्षेत्रीय निवासी कुंवरपाल समेत तीन चार लोग क्षेत्र से पलायन कर गए हैं।