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मिशन शक्तिः पहले खुद बनीं आत्मनिर्भर, अब दूसरों को बना रहीं

सत्कार टाकीज निवासी सीमा गुप्ता ने भारतीय स्टेट बैंक के आरसेटी ट्रेनिंग सेंटर पर विभिन्न ट्रेड में रोजगार परक प्रशिक्षण लिया। जब खुद आत्मनिर्भर बन गईं तो अब दूसरी महिलाओं की मदद कर रही हैं। अब तक वे...

मिशन शक्तिः पहले खुद बनीं आत्मनिर्भर, अब दूसरों को बना रहीं
हिन्दुस्तान टीम,फिरोजाबादMon, 09 Nov 2020 11:34 AM
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सत्कार टाकीज निवासी सीमा गुप्ता ने भारतीय स्टेट बैंक के आरसेटी ट्रेनिंग सेंटर पर विभिन्न ट्रेड में रोजगार परक प्रशिक्षण लिया। जब खुद आत्मनिर्भर बन गईं तो अब दूसरी महिलाओं की मदद कर रही हैं। अब तक वे कई महिलाओं को आत्मनिर्भर कर चुकी हैं। 2012 से वे महिलाओं को लगातार ट्रेनिंग दे रही हैं। गर्मियों में समर कैंपों में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने को फोल्डर बैग, सिलाई की ट्रेनिंग देती हैं। जेल में महिला बंदियों को ट्रेनिंग दे चुकी हैं।

लॉक डाउन में प्रशिक्षण से महिलाएं जागृत कीं
मदावली टूंडला निवासी शकुंतला ने भारतीय स्टेट बैंक के आरसेटी ट्रेनिंग सेंटर पर रोजगार परक प्रशिक्षण लिया। फोल्डर बैग से शुरूआत की। इसके बाद लॉक डाउन लगा तो कोरोना काल में मास्क बनाना शुरू कर दिया और अन्य महिलाओं को भी प्रेरित कर समूह बनाकर मास्क बनवाए। अब सरकारी बच्चों की ड्रेस बनाने के काम में जुटी हैं। एक साल पहले मिले प्रशिक्षण के बाद गांधी बैग थैले भी बनाए। ग्राम संगठन बनाया जिसकी वे अध्यक्ष हैं।

हैंडीक्राफ्ट के काम से मिला राष्ट्रीय पुरस्कार
सुहागनगर निवासी सरोज देवी ने हैंडीक्राफ्ट में काम किया। 20 महिलाओं के एक ग्रुप को अब काम सिखाती हैं। उनको सरकार ने राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया। लाइट, हैंडीक्राफ्ट, मुजैक कला की डिजायनें बनाने की महारत हासिल है। केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार उद्योग विभाग की विभिन्न योजनाओं के तहत ट्रेनिंग प्राप्त किया था।

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