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गांधी जयंती पर कारखाने बंद रखने के निर्देशों पर उठे सवाल

उद्यमी संगठन ने गांधी जयंती पर सभी कारखानों को बंद रखे जाने संबंधी श्रम विभाग के निर्देशों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। संगठन ने कारखानों की बंदी को लेकर जारी किए गए सहायक श्रमायुक्त के निर्देशों को गलत...

गांधी जयंती पर कारखाने बंद रखने के निर्देशों पर उठे सवाल
हिन्दुस्तान टीम,फिरोजाबादSun, 01 Oct 2017 06:59 PM
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उद्यमी संगठन ने गांधी जयंती पर सभी कारखानों को बंद रखे जाने संबंधी श्रम विभाग के निर्देशों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। संगठन ने कारखानों की बंदी को लेकर जारी किए गए सहायक श्रमायुक्त के निर्देशों को गलत ठहराया है। कहा कि इस तरह के विभागीय आदेश, निदेर्शों से उद्योग जगत में भ्रम की स्थिति बनी हुई है जिसे दूर किया जाना आवश्यक है।

हाल ही में सहायक श्रमायुक्त द्वारा दो अक्टूबर को गांधी जयंती पर जनपद में सभी दुकान, वाणिज्यिक अधिष्ठान एवं कारखानों को बंद रखे जाने के निर्देश सेवायोजकों के लिए जारी किए गए थे। जिसमें उद्यमियों को कारखाना चालू रखने पर कार्यवाही की चेतावनी दी गई थी। इधर उद्यमी संगठन यूपीजीएमएस के चेयरमैन राजकुमार मित्तल ने कहा कि एएलसी के उपरोक्त निर्देशों से उद्योग जगत में भ्रम की स्थिति बन गई है। उन्होंने कहा कि उप्र दुकान एवं वाणिज्य अधिष्ठान अधिनियम 1963 की धारा आठ में राष्ट्रीय अवकाश का उल्लेख किया गया है। जिसमें गणतंत्र दिवस, होली- पड़वा, दीपावली- पड़वा- कार्तिक पूर्णिमा, ईद उल फितर, डा. भीमराव अम्बेडकर का जन्म दिन एवं महात्मा गांधी का जन्म दिवस शामिल है।

वहीं अधिनियम की धारा आठ की अनुसूची चार में उद्योगों को इस शर्त के साथ छूट प्रदान की गई है कि सार्वजनिक अवकाश के दिन श्रमिकों से कार्य लेने पर प्रतिकर अवकाश के रूप में श्रमिक की छुटटी बतौर उपार्जित अवकाश रजिस्टर में अंकित की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस स्थिति में दो अक्टूबर को गांधी जयंती पर कारखाने बंद रखे जाने के निर्देश विधि सम्मत नहीं हैं। यूपीजीएमएस चेयरमैन मित्तल ने कहा कि एएलसी को अपने निर्देशों पर विचार कर अवकाश को लेकर उत्पन्न हुई भ्रम की स्थिति शीघ्रता से दूर कर देनी चाहिए।

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