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कमीशन के खेल में खराब हुई शौचालयों की गुणवत्ता

फिरोजाबाद। खुले से शौच मुक्त के लिए जब जिले को शौचालयों का लक्ष्य दिया गया तो लोगों के चेहरों पर खुशी झलकी कि उनको एक इज्जतघर मिल...

कमीशन के खेल में खराब हुई शौचालयों की गुणवत्ता
हिन्दुस्तान टीम,फिरोजाबादSat, 06 Oct 2018 06:39 PM
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खुले से शौच मुक्त के लिए जब जिले को शौचालयों का लक्ष्य दिया गया तो लोगों के चेहरों पर खुशी झलकी कि उनको एक इज्जतघर मिल जाएगा। यह मिला भी लेकिन जरूरतमंदों से इसके बदले में कमीशन लिया गया और इस कमीशन के खेल में शौचालय की गुणवत्ता प्रभावित हो गई।बेसलाइन सर्वे 2012 की बात करें तो जिले में इस सर्वे के मुताबिक कुल दो लाख 21 हजार शौचालयों को बनाने के लिए दिया गया। इसमें एक लाख 84 हजार शौचालयों को स्वच्छ भारत मिशन के तहत बनाया जाना था। एक शौचालय को बनाने के लिए शासन से कुल 12 हजार रुपया मिलता है। यह राशि पंचायत के खाते में जाती है। इस खाते का संचालक प्रधान और ग्राम पंचायत सचिव होता है। जब दोनों संचालक किसी शौचालय के लिए रुपया निर्गत करते हैं तो अपना कमीशन पहले तय कर लेते हैं। इसके लिए ठेकेदार से मिलीभगत की जाती है। एक शौचालय के लिए जब ठेकेदार को 8 से 9 हजार रुपया मिलता है तो ठेकेदार भी उस राशि में अपना हिस्सा कमाने के लिए गुणवत्ता को और गिरा देता है। सूत्रों की मानें तो अधिकांश शौचालयों में पीला या खराब गुणवत्ता की ईंट का प्रयोग हुआ है। बालू और सीमेंट का मिश्रण भी मानक के अनुसार नहीं है।

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