मातृत्व वंदना योजना में गोलमाल के दोषी नपेंगे
आखिरकार प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना में परिवार, रिश्तेदारों और परिचितों को नियमों को ताक पर रखकर लाभ दिलाने वालों पर शिकंजा कसने की तैयारी हो...
आखिरकार प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना में परिवार, रिश्तेदारों और परिचितों को नियमों को ताक पर रखकर लाभ दिलाने वालों पर शिकंजा कसने की तैयारी हो गई है। डीएम ने जहां जांच कमेटी बनाई है तो वहीं सीडीओ ने सीएमओ से मामले में स्पष्टीकरण मांगा है।
प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना में गोलमाल की जानकारी हिन्दुस्तान को हुई थी। मामले को 15 फरवरी सोमवार को प्रमुखता से प्रकाशित कर गोलमाल का खुलासा किया था। इसमें बताया था कि सुहागनगरी के जरूरतमंदों को केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना से संतृप्त किया जाना था। उसका लाभ दिलाए जाने के लिए उनको पांच हजार रुपये दिए जाने थे लेकिन जरूरतमंदों के साथ साथ संविदा पर तैनात स्वास्थ्यकर्मियों ने अपनों को, करीबियों को और रिश्तेदारों की महिलाओं को भी इस 5000 की धनराशि को बिना गर्भवती हुए और बिना पात्रता श्रेणी में आए आसानी से दिला दिया। अप्रैल 2019 से अब तक योजना के अन्तर्गत काफी अपात्रों को धनराशि दिला दी गई।
डीएम ने कमेटी में इन्हें किया शामिल
डीएम चंद्रविजय सिंह ने हिन्दुस्तान के खुलासे के बाद गर्भवती महिलाओं को दी जाने वाली धनराशि को स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा अपात्रों को दिए जाने की जांच बिठाई है। इसमें जिला विकास अधिकारी को अध्यक्ष और परियोजना डूडा को सदस्य बनाया है। कमेटी को एक सप्ताह के अंदर गहनता से जांच कर आख्या देनी है।
सीडीओ ने भी मांगा जवाब
सीडीओ चर्चित गौड़ ने प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना में स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा अपनों और रिश्तेदारों को लाभान्वित करने के मामले में सीएमओ डा.नीता कुलश्रेष्ठ से तीन दिन में दोषी अधीनस्थ अधिकारियों, कर्मचारियों के नाम, पदनाम सहित आख्या मांगी है।