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शिकायतों के निस्तारण में फर्जी आख्या लगा रहे अधिकारी

आइजीआरएस में होने वाली शिकायतों के निस्तारण में फर्जी आख्या लगा कर स्पेशल क्लोज करने का खेल मुख्यमंत्री कार्यालय से हुई जांच में खुल गया। सीएम के...

शिकायतों के निस्तारण में फर्जी आख्या लगा रहे अधिकारी
हिन्दुस्तान टीम,फिरोजाबादTue, 28 Sep 2021 07:01 PM
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आइजीआरएस में होने वाली शिकायतों के निस्तारण में फर्जी आख्या लगा कर स्पेशल क्लोज करने का खेल मुख्यमंत्री कार्यालय से हुई जांच में खुल गया। सीएम के यहां से पत्र आने के बाद में जब डीपीआरओ ने जांच कराई तो पता चला पात्र को ही आख्या में अपात्र दर्शा दिया। डीपीआरओ ने दो प्रभारी एडीओ पंचायत एवं एक कनिष्ठ सहायक को प्रतिकूल प्रविष्टि दी है।

जनसुनवाई समाधान प्रणाली पर हुई शिकायतों पर शासन गंभीर है। मुख्यमंत्री कार्यालय से भी शिकायतकर्ताओं को फोन कर पूछा जाता है कि निस्तारण से संतुष्ट है। बताते हैं इसी जांच में फिरोजाबाद की तीन शिकायतें मुख्यमंत्री कार्यालय के संज्ञान में आईं। एक शिकायत में तो शौचालय की शिकायत पर एडीओ पंचायत ने हैंडपंप री-बोर होने योग्य बता कर स्पेशल क्लोज कर दिया। निस्तारण से शिकायतकर्ता निस्तारण से संतुष्ट नहीं थे। इसे गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री कार्यालय से बीते दिनों जिले में पत्र भेजा गया। इसके बाद विभाग में भी हलचल मच गई। डीपीआरओ नीरज सिन्हा ने शिकायत निस्तारण के लिए टीमों को भेजा तथा मदनपुर के प्रभारी एडीओ पंचायत राजकुमार, टूंडला के प्रभारी एडीओ पंचायत लक्ष्मण सिंह सहित कार्यालय के कनिष्ठ सहायक अश्विनी कुमार देशमुख को प्रतिकूल प्रविष्टि दी है।

केस एक--टूंडला के नगला खरगा पमारी निवासी हेमंत यादव ने शौचालय बनवाने की मांग की। प्रभारी एडीओ पंचायत ने बगैर स्थलीय जांच किए आख्या में लिखा कि बेसलाइन सर्वे में आवेदक अपात्र है। शिकायत को स्पेशल क्लोज कर दिया। परियोजना प्रबंधक से जांच कराई तो पता चला कि आवेदक पात्र है तथा उसका नाम बेसलाइन सर्वे में है।

केस 2-मदनपुर के गांव मढ़ैया श्रीकृष्ण निवासी राकेश यादव ने गांव में शौचालय न बनने की शिकायत की। एडीओ पंचायत ने अपनी आख्या दी कि आवेदक का हैंडपंप री-बोर करने योग्य है तथा जल्द री-बोर कराया जाएगा। डीपीआरओ ने जिला परियोजना प्रबंधक दिनेश यादव को भेजा तो पता चला राकेश का नाम पात्रता सूची में जुड़ गया है।

केस 3-मदनपुर के कटौरी निवासी देवेंद्र सिंह ने नाली साफ न होने की शिकायत की। प्रभारी एडीओ पंचायत ने सफाई करा दी जाएगी। आख्या देकर शिकायत को स्पेशल क्लोज कर दिया। जबकि वास्तविकता में गांव में नाली की सफाई नहीं कराई गई। यह जांच में मामला खुला।

कनिष्ठ सहायक बगैर देखे करते रहे शिकायतों को क्लोज :डीपीआरओ दफ्तर में कनिष्ठ सहायक अश्विनी कुमार देशमुख को शिकायत निस्तारण के लिए अधिकृत किया है, लेकिन उन्होंने डीपीआरओ को बगैर बताए शिकायतें निस्तारित कर दीं। वहीं शौचालय की शिकायत पर हैंडपंप री-बोर की आख्या लगे होने का अर्थ है उन्होंने इन्हें पढ़ना भी जरूरी नहीं समझा।

इनसेट

क्या है स्पेशल क्लोज :कुछ शिकायतें ऐसी होती हैं, जिनका धनाभाव या अन्य किसी वजह से निस्तारण नहीं हो सकता है, लेकिन शिकायत करने वाले बार-बार शिकायत करते हैं। ऐसे में इन्हें स्पेशल क्लोज कर दिया जाता है।

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