ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News उत्तर प्रदेश फिरोजाबादअधिमास में पूरे महीने तक नहीं हो सकेंगे मांगलिक कार्य

अधिमास में पूरे महीने तक नहीं हो सकेंगे मांगलिक कार्य

पितृ पक्ष बीतने के बार शुक्रवार से अधिमास शुरू हो गया। यह भगवान की भक्ति का महीना है। इसे पुरुषोत्तम मास भी कहा जाता है। इस महीने में किसी भी तरह का मांगलिक कार्य नहीं हो सकेगा। सिर्फ भागवत कथा,...

पितृ पक्ष बीतने के बार शुक्रवार से अधिमास शुरू हो गया। यह भगवान की भक्ति का महीना है। इसे पुरुषोत्तम मास भी कहा जाता है। इस महीने में किसी भी तरह का मांगलिक कार्य नहीं हो सकेगा। सिर्फ भागवत कथा,...
1/ 2पितृ पक्ष बीतने के बार शुक्रवार से अधिमास शुरू हो गया। यह भगवान की भक्ति का महीना है। इसे पुरुषोत्तम मास भी कहा जाता है। इस महीने में किसी भी तरह का मांगलिक कार्य नहीं हो सकेगा। सिर्फ भागवत कथा,...
पितृ पक्ष बीतने के बार शुक्रवार से अधिमास शुरू हो गया। यह भगवान की भक्ति का महीना है। इसे पुरुषोत्तम मास भी कहा जाता है। इस महीने में किसी भी तरह का मांगलिक कार्य नहीं हो सकेगा। सिर्फ भागवत कथा,...
2/ 2पितृ पक्ष बीतने के बार शुक्रवार से अधिमास शुरू हो गया। यह भगवान की भक्ति का महीना है। इसे पुरुषोत्तम मास भी कहा जाता है। इस महीने में किसी भी तरह का मांगलिक कार्य नहीं हो सकेगा। सिर्फ भागवत कथा,...
हिन्दुस्तान टीम,फिरोजाबादFri, 18 Sep 2020 05:52 PM
ऐप पर पढ़ें

पितृ पक्ष बीतने के बार शुक्रवार से अधिमास शुरू हो गया। यह भगवान की भक्ति का महीना है। इसे पुरुषोत्तम मास भी कहा जाता है। इस महीने में किसी भी तरह का मांगलिक कार्य नहीं हो सकेगा। सिर्फ भागवत कथा, रामायण पाठ जैसे धार्मिक आयोजन किए जा सकेंगे।

पूरे पखवाड़े तक चले पितृपक्ष का समापन गुरुवार को हो गया था। शुक्रवार को प्रथम आश्विन शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा के साथ पुरुषोत्तम मास शुरू हो हो रहा है जो कि 16 अक्टूबर द्वितीय आश्विन कृष्ण पक्ष की अमावस्या तक रहेगा। अधिवास के समाप्त होने के अगले दिन 17 अक्टूबर से नवरात्र प्रारंभ हो जाएंगे। नगर के ज्योतिषाचार्य कहते हैं कि यह पुरुषोत्तम मास साल में बढ़े हुए दिनों का अतिरिक्त महीना होता है। इसलिए इसे अधिमास भी कहा जाता है। अधिवास के पूरे महीने में शादी विवाह जैसे मांगलिक कार्य करना निषेध होता है। कोई नया कारोबार व्यापार भी नहीं किया जा सकता। ज्योतिषाचार्य कहते हैं कि अधिमास में भागवत कथा, भगवान विष्णु की कथा, रामायण और सुंदरकांड पाठ जैसे धार्मिक कार्यक्रम किए जा सकते हैं।

- अधिमास धार्मिक कार्यों के लिए महत्वपूर्ण महीना है। इस महीने में गृह प्रवेश, नए कारोबार, व्यापार का शुभारंभ नहीं किया जा सकता। शादी कार्य भी नहीं हो सकते हैं।

- पंडित लीलाधर गौतम, ज्योतिषाचार्य

- आधिमास का महीना भगवान विष्णु की भक्तों को समर्पित होता है। इस महीने में धार्मिक कार्य करना शुभ होता है। शादी विवाह जैसे मांगलिक कार्य नहीं किए जा सकते। ऐसा कोई कार्य नहीं किया जा सकता जिसके लिए मुहूर्त निकलवाना आवश्यक हो।

- राजीव लोचन मिश्र, ज्योतिषाचार्य

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें