इंसान के लिए जीवन में धर्म को धारण करना जरूरी
इंसान के लिए जीवन में धर्म को धारण करना जरूरी है। धर्म को अपनाने से ही इंसान का जीवन मंगलमय हो जाता है। जीवन को मंगलमय बनाने के लिए ही इंसान धर्म की...
इंसान के लिए जीवन में धर्म को धारण करना जरूरी है। धर्म को अपनाने से ही इंसान का जीवन मंगलमय हो जाता है। जीवन को मंगलमय बनाने के लिए ही इंसान धर्म की आराधना एवं तीर्थ क्षेत्र की वंदना करता है।
यह उद्गार जैन आचार्य विवेक सागर ने मंगलवार को नगर के नसिया जी मंदिर पर आयोजित धर्मसभा में व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि व्यक्ति के जीवन में धर्म की आराधना के क्षण मंगलमय बनाने वाले होते हैं। वर्तमान में चार पुरुषार्थों में से मोक्ष पुरुषार्थ तो नहीं है। लेकिन मोक्ष मार्ग अवश्य है। शेष तीन पुरुषार्थों में धर्म पुरुषार्थ ही जीवन को मंगलमय बनाने वाला हुआ करता है। मुनिश्री ने कहा कि इंसान को दिन के आठ पहरों में से कम से कम दो पहर धर्म पुरुषार्थ में लगाना चाहिए। उन्होंने कहा कि धर्म क्षेत्र, तीर्थस्थान, मंदिर, जिनालय, भावनाओं को निर्मल बनाने के लिए हुआ करते हैं। यदि हम तीर्थ स्थानों पर ही पाप का आस्रव करते हैं, तो वह वज्र के लेप के सामान हो जाता है। अपने द्वारा किए गए पापों से छूटने के लिए तीर्थ स्थानों के अलावा अन्य कोई दूसरा स्थान नहीं है।