बोले फिरोजाबाद:बल मिले तो हम भी बनें बाल विज्ञानी
Firozabad News - फिरोजाबाद के प्राइवेट स्कूलों में छात्रों ने विज्ञान के क्षेत्र में कई प्रोजेक्ट प्रस्तुत किए हैं। इनमें कृषि, स्वास्थ्य और पर्यावरण से जुड़े विचार शामिल हैं। छात्रों की वैज्ञानिक सोच को प्रोत्साहित...

फिरोजाबाद। प्राइवेट स्कूलों में विज्ञान के क्षेत्र में काम हो रहा है। इन कॉलेजों में जूनियर से लेकर इंटर तक के छात्र अपनी सोच को प्रोजेक्ट के रूप में प्रदर्शित कर रहे हैं। कहीं पर स्मार्ट ब्रिज की सोच दिखाई देती है तो कॉलेजों में पढ़ने वाले इन छात्रों के प्रोजेक्ट में खेती के भी नए-नए प्रयोग दिखाई देते हैं। कहीं पर प्रोजेक्ट शरीर की आंतरिक संरचना समझाते हुए स्वास्थ्य संबंधी टिप्स देते हैं। छात्रों के प्रोजेक्ट में छिपी हुई इनकी सोच दर्शाती है कि अगर बचपन से ही इन्हें उचित मार्गदर्शन मिले तो इस वैज्ञानिक सोच को रखने वाले छात्रों में से भविष्य के वैज्ञानिक भी निकल सकते हैं।
हिन्दुस्तान के बोले फिरोजाबाद के तहत विज्ञान के प्रोजेक्ट पर कार्य करने वाले ब्लूमिंग बड्स के छात्रों से संवाद किया तो हर छात्र की जुबां पर थी एक अलग सोच। किसी के प्रोजेक्ट में फूड चैन दिखाई दे रही थी तो किसी के प्रोजेक्ट में खेती की आधुनिक सिंचाई की तकनीक। कहीं पर एयरकंडीशन बनाने की सोच थी तो किसी का प्रोजेक्ट स्मार्ट सिटी की उनके मस्तिष्क में मौजूद परिकल्पना को दर्शा रहा था। इनमें से कई छात्राएं आगे बढ़कर विज्ञान के क्षेत्र में नाम कमाने की भी इच्छुक हैं। कॉलेज स्तर पर इनको मार्गदर्शन एवं सहयोग मिल रहा है। जिससे वह विज्ञान प्रोजेक्ट के क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं, लेकिन जरूरत है इनमें से ऐसी सोच को पहचानने की, जो इन प्रोजेक्ट के क्षेत्र में और भी बेहतर प्रदर्शन कर सकती है। इसके लिए जरूरी है कि इन्हें मौका मिले। जिला स्तर पर गठित विज्ञान क्लब में शामिल विज्ञान के अनुभवी शिक्षक वक्त-वक्त पर इन कॉलेजों में पहुंच कर इन्हें मागदर्शन दें, ताकि यह कुछ नया एवं बेहतर सोच सकें। विज्ञान से जुड़ी कार्यशालाओं का हो आयोजन: वैज्ञानिक सोच को बढ़ाने के लिए जरूरत है कि विज्ञान से जुड़ी कार्यशालाओं का भी आयोजन किया जाए। इसमें विज्ञान के विशेषज्ञों को आमंत्रित कर विज्ञान पर उनके व्याख्यान कराए जाएं। इन कार्यशालाओं में विज्ञान शिक्षकों एवं छात्रों को प्रतिभाग करने का मौका मिले, ताकि वह कार्यशालाओं से नया सीख सकें एवं अपनी सोच का रुख नई विषय वस्तु की तरफ मोड़ सकें। हमने जल स्तर को बताने वाला यंत्र बनाया है। जो पानी के संरक्षण में काम आता है। कई बार लोगों को याद नहीं रहता है तथा टंकी भर जाने के बाद भी पानी बहता रहता है। इस यंत्र से टंकी के भरते ही सायरन बजेगा तथा इससे लोग टंकी को बंद कर सकेंगे। - अनन्या हमने अपने प्रोजेक्ट के तहत एक ऐसे एअर कंडीशन का मॉल बनाया था जो वेस्ट मैटेरियल से बना था। हम विज्ञान के क्षेत्र में कुछ करना चाहते हैं। इस कार्य में कॉलेज से मदद मिलती है, पर सरकार को भी छात्रों की सोच को समझ कर उन्हें आगे बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए। - तनु जिला स्तर पर विज्ञान प्रतियोगिताओं की संख्या बढ़ाने की जरूरत है। इन प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग करने वाले छात्र-छात्राओं को सरकार प्रोत्साहित भी करे, ताकि यह छात्र-छात्रों आगे चलकर ज्यादा बेहतर प्रोजेक्ट बना सकें। - कौशिकी यादव हमने प्रोजेक्ट बनाया है, जो पक्षियों के संरक्षण का संदेश देता है। कॉलेज स्तर पर तो पूरा सहयोग मिलता है, लेकिन छात्र छात्राएं कुछ नया सीख सकें, इसके लिए जरूरी है कि जिला स्तर पर ज्यादा से ज्यादा प्रदर्शनी लगाई जाएं। इससे वह बेहतर प्रदर्शन भी कर सकेंगे। - विश्वा चौहान हमारा प्रोजेक्ट विज्ञान के ऊपर था। इसमें हमने दर्शाया था कि किस तरह से लंग्स फूलते हैं। इस प्रोजेक्ट के जरिए हम शरीर की गतिविधियोों को समझ सकते हैं तो इसके साथ में स्वास्थ्य के क्षेत्र में संजीदा होते हैं। सरकार को वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देने के लिए मदद करनी चाहिए। - कनिष्का हमने प्रिरंगकलर इरीग्रेशन सिस्टम बनाया था। जहां पर मिट्टी ऊंची नीची होती है, वहां पर इससे सिंचाई में काफी मदद मिलती है। हमारा मानना है कि छात्रों की वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देना चाहिए, ताकि छात्र कुछ नया कर सकें तथा विज्ञान के क्षेत्र में नए प्रयोग हो सकें। - अनुष्का आज हर क्षेत्र में नए प्रयोग करने की जरूरत है। विज्ञान से कृषि एवं अन्य क्षेत्रों में काफी मदद मिलती है। सरकार वैज्ञानिक सोच बढ़ाने पर जोर दे रही है, इसके साथ में सरकार को हर स्कूल में ऐसे छात्रों को विशेष तौर पर मदद देनी चाहिए। - आराध्या सिंह हमने अपने प्रोजेक्ट में माइक्रोस्कोप का डिजाइन बनाया था। अति सूक्ष्म जीवों को देखने में प्रयोग किए जाने वाले माइक्रोस्कोप से विज्ञान ही नहीं, स्वास्थ्य के भी क्षेत्र में काफी मदद मिली है। विज्ञान को लेकर लोगों को संजीदा होना चाहिए। - आराधना हमने अपने प्रोजेक्ट के जरिए यूरिनल सिस्टम बनाया था, ताकि छात्र इसकी प्रक्रिया को समझ सकें। हम शिक्षकों की मदद से नए-नए प्रोजेक्ट बनाने का प्रयास कर रहे हैं। जिले में प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाए, ताकि वैज्ञानिक सोच वाले छात्र आगे बढ़ सकें। - शिवी हमने अपने प्रोजेक्ट में प्रिज्म का निर्माण किया था। स्कूल में प्रतियोगिताएं कराई जाती हैं, लेकिन सरकार को भी हर एक-दो महीने के बाद प्रतियोगिताओं का आयोजन कराना चाहिए, ताकि अन्य स्कूलों के छात्रों के प्रोजेक्ट देख कर छात्रों को नई प्रेरणा मिल सके। - आलिया
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।




