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विकास कार्य तो दूर, वेतन के भी लाले

नगर निगम में टैक्स की कम वसूली से दिनोंदिन वित्तीय संकट गहराता जा रहा है। हालात यहां तक पहुंच गए हैं कि कर्मचारियों का वेतन निकालना भी मुश्किल हो रहा है। लॉकडाउन के बाद कर वसूली आगे से भी कम हो गई...

विकास कार्य तो दूर, वेतन के भी लाले
हिन्दुस्तान टीम,फिरोजाबादThu, 30 Jul 2020 06:44 PM
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नगर निगम में टैक्स की कम वसूली से दिनोंदिन वित्तीय संकट गहराता जा रहा है। हालात यहां तक पहुंच गए हैं कि कर्मचारियों का वेतन निकालना भी मुश्किल हो रहा है। लॉकडाउन के बाद कर वसूली आगे से भी कम हो गई है।

कर निर्धारण कार्यालय के अनुसार शहर के लगभग 30 हजार घरों से गृह एवं जलकर की वसूली विभाग द्वारा की जाती है। हकीकत यह है कि शहर में मकानों की संख्या इससे कहीं अधिक है जो कर देने की परिधि से छूटे हुए हैं। फिलहाल इन भवनों का शासन द्वारा सर्वे कराया जा रहा है। विभागीय जानकारी के अनुसार लॉकडाउन से पहले गृह और जल कर की वसूली के रूप में लगभग 56 लाख रुपये की वसूली की जाती थी जो अब घटकर आधे से भी कम रह गई है। लगातार हो रही कल वसूली की कमी से नगर निगम में वित्तीय संकट पैदा हो गया है।

दो माह की वसूली की स्थिति

जून- 14 लाख

जुलाई- 37 लाख

14 वें वित्त आयोग से बंट पा रहा वेतन

टैक्स की कम वसूली के चलते नगर निगम में कर्मचारियों के वेतन वितरण में भी दिक्कत आ रही है। फिलहाल 14वें वित्त आयोग की धनराशि से कर्मचारियों को वेतन दिया जा रहा है जिससे समस्या का हल निकल सके।

विकास कार्य हो रहे प्रभावित

करों की कम वसूली के चलते शहर में होने वाले विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं। नगर आयुक्त विजय कुमार के अनुसार बहुत जल्द ही स्थिति पर काबू पा लिया जाएगा। इसके लिए टैक्स विभाग को लगातार निर्देशित किया जा रहा है।

छूटे घरों का किया जा रहा सर्वे

शहर में टैक्स से वंचित घरों के सर्वे का कार्य कराया जा रहा है। शासन के निर्देश पर इसके लिए एक 25 सदस्यीय टीम अपने कार्य में लगी हुई है। अभी तक 12 हजार घरों का सर्वे कराया जा चुका है। टीम के प्रभारी गब्बर सिंह ने बताया है कि त्योहारों के बाद सर्वे कार्य को तेज कर दिया जाएगा।

शिकोहाबाद में वेतन में गया धन, मद हुआ खाली

शिकोहाबाद। नगर पालिका में कोरोना संक्रमण के चलते आर्थिक स्थिति जर्जर हो चुकी है। इसके चलते नगर पालिका में व्यवस्था चलाना मुश्किल हो गया है। 14 वें वित्त से कर्मियों की अब तक तीन बार वेतन दिया जा चुका है। अब आगे कर्मचारियों का वेतन देने तक के लिए धन नहीं बचा है।

नगर पालिका के सामने कर्मचारियों का अगले माह का वेतन देना भी परेशानी आ रही है। नगर पालिका प्रशासन को समझ नहीं आ रहा है कि कर्मियों का आगे का वेतन कैसे दिया जाए। विकास के लिए आया 14 वें वित्त का धन वेतन में खर्च होने के चलते टैंडर प्रक्रिया को कैंसिल कर दिया है। विकास कार्य भी ठप पड़ गए हैं। नगर पालिका जलमूल्य से 40 हजार रुपये तक आमदनी हो पाती हैं। उससे नगर पालिका की व्यवस्था कैसे चलाई जाए क्योंकि कूड़ा-कचरा उठाने के लिए नगर पालिका को प्रतिदिन काफी धन की जरूरत होती है।

सुप्रीम कोर्ट में अटका है कर वसूली का मामला

नगर पालिका परिषद में हाउस टैक्स, वाटर टैक्स से नगर पालिका की लाखों रुपयों की वसूली हो जाती थी लेकिन पूर्व चेयरमैन के समय में बेहाताशा हाउस टैक्स बढ़ा दिए गए जिसके चलते व्यापारी वर्ग सुप्रीम कोर्ट चला गया। जहां पर लगभग पांच साल से मामला विचाराधीन है।

अभी तक मामले में सुप्रीम कोर्ट से कोई निर्णय नहीं आया है। जिससे हाउस टैक्स, वाटर टैक्स की वसूली नहीं हो पा रही है। अगर सुप्रीम कोर्ट जल्द ही निर्णय सुना दे तो नगर पालिका पर आए संकट में कुछ कमी आ सकती है। इस बारे में पालिकाध्यक्षा मुमताज बेगम का कहना है कि हमारे सामने विकराल स्थित पैदा हो गई है। टैक्स का मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन होने के चलते आमदनी का कोई स्रोत नहीं बचा है। आगे कर्मियों के वेतन देना भी मुश्किल है। सरकार की मदद से आगे कार्य किया जा सकेगा।

टूंडला में नगर पालिका का खजाना हुआ खाली

टूंडला। कोरोना काल में नगर पालिका टूंडला इन दिनों फंड की कमी से जूझ रही है। गृहकर व जलमूल्य कर की वसूली में भी गिरावट दर्ज की गई है। इसे लेकर नगर पालिका कर्मचारी अधिक से अधिक कर वसूली करने का प्रयास कर रहे हैं।

नगर पालिका टूंडला क्षेत्र में कुल 9472 आवास दर्ज हैं। जबकि पानी के कुल 6395 कनेक्शन हैं। पिछले वर्ष 2019 के आंकड़े पर अगर नजर डाली जाए तो गृहकर के रूप में 6.88 लाख रुपये एवं जलमूल्य कर के रूप में 6.81 लाख रुपये लगभग की वसूली की गई थी। जबकि इस वर्ष 2020 में यही गृहकर कुल 58 हजार रुपये तथा जलमूल्य कर 1.19 लाख रुपये जून माह तक वसूली के रूप में दर्ज किया गया है। नगरपालिका टूंडला के अधिशासी अधिकारी श्रीचंद बताते हैं कि हमने मई-जून माह का वेतन शासन के निर्देशानुसार 14वें वित्त से दिया है और जुलाई माह के वेतन को भी राज्य सरकार के निर्देश मिलने वाले हैं। उसके अनुसार ही कर्मचारियों को वेतन दिया जाएगा।

जसराना में वसूली कम होने से परेशानी

जसराना। जसराना नगर पंचायत में लॉक डाउन में वाटर, हाउस टैक्स की वसूली कम हुई है। हर महीने अब 90 हजार ही हो पा रही है। जबकि पहले यह लाखों में वसूली होती थी। इसके चलते कर्मचारियों के वेतन की समस्या आई है। विकास के लिए आ रहे 14वें वित्त आयोग के धन से तीन महीने से कर्मचारियों को वेतन दिया जा रहा है।

विकास कार्य होने लगे प्रभावित

सिरसागंज। सिरसागंज नगर पालिका में पहले वसूली 7 लाख तक होती थी जो अब लॉक डाउन में डेढ़ लाख पर सिमट गई है। यहां भी वेतन की समस्या आ रही है। इसको लेकर शासन के आदेश पर 14 वें वित्त से वेतन दिया जा रहा है। इससे विकास को आया धन अब वेतन में जाने से विकास कार्य प्रभावित हो गए हैं।

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