पालिका के आरक्षण को बेसब्री से इंतजार
पालिका परिषद चुनाव को लेकर संभावित प्रत्याशियों ने अपनी तैयारियां शुरू कर दीं हैं। हालांकि सीट का अभी आरक्षण होना है। यदि इस वर्ष पालिका अध्यक्ष की...

पालिका परिषद चुनाव को लेकर संभावित प्रत्याशियों ने अपनी तैयारियां शुरू कर दीं हैं। हालांकि सीट का अभी आरक्षण होना है। यदि इस वर्ष पालिका अध्यक्ष की सीट सामान्य कोटे में रहती है तो नगर में लगभग एक दर्जन संभावित प्रत्याशी हैं जिन्होंने चुनाव के लिये अपनी ताल ठोंक दी है।
पालिका परिषद टूंडला अध्यक्ष की सीट लंबे अंतराल से सामान्य नहीं हुई है। पं.रामसहाय शर्मा के अध्यक्ष बनने के बाद सीट पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षित हो गई। वर्ष 2000 में भाजपा प्रत्याशी के रूप में राधारानी ने चुनाव लड़ा और वे नगर की चेयरमैन बनी। इसके बाद यह सीट अनुसूचित महिला के लिए आरक्षित हो गयी। वर्ष 2006 में सपा की टिकिट पर पुष्पा मौर्या ने चुनाव लड़ा और वे पालिका अध्यक्ष हो गयीं। इसके बाद वर्ष 20012 में यह सीट पिछड़ा वर्ग महिला के लिए आरक्षित हो गयी तो इस सीट पर रामवती चौधरी निर्दलीय रूप में विजयी हुईं। वर्ष 20017 पालिका अध्यक्ष की सीट फिर से अनुसूचित जाति के लिये आरक्षित हो गयी। इस चुनाव में भाजपा प्रत्याशी के रूप में रामबहादुर चक ने जीत हासिल की। इस वर्ष चुनाव में सभी को यह उम्मीद है कि पालिका अध्यक्ष की सीट सामान्य होगी यही कारण है कि सामान्य वर्ग के कई संभावित प्रत्याशियों ने चुनाव में कूदने का मन बना लिया है।
