ऑनलाइन शिक्षण के लिए डीएलएड प्रशिक्षु ढूंढ रहे बच्चे
कोरोना काल में एक माह का स्कूल प्रशिक्षण संभव न होने के कारण डीएलएड प्रशिक्षुओं को ऑनलाइन 10 बच्चों को पढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। डायट अथवा संबंधित कॉलेज की ओर से परिषदीय स्कूलों के...
कोरोना काल में एक माह का स्कूल प्रशिक्षण संभव न होने के कारण डीएलएड प्रशिक्षुओं को ऑनलाइन 10 बच्चों को पढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। डायट अथवा संबंधित कॉलेज की ओर से परिषदीय स्कूलों के प्रधानाध्यापकों कोई पत्र जारी न किए जाने के कारण प्रशिक्षुओं को बच्चे खोजने पढ़ रहे हैं।
वर्तमान में करीब सात हजार डीएलएड प्रशिक्षु प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। जिन्हें इस दफा स्कूल ट्रेनिंग के बजाए बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाने के लिए निर्देशित किया गया है। डाइट प्राचार्य द्वारा निजी डीएलएड संस्थानों को जारी किए गए पत्र में डीएलएड प्रशिक्षु से अपने आसपास के मानक के अनुसार 10 बच्चों को सूचीबद्ध कर पढ़ाने के लिए कहा गया है। डायट प्रशासन द्वारा डीएलएड प्रशिक्षुओं से चिह्नित किए गए बच्चों का विवरण भी मांगा गया है। हालांकि इस दफा डायट प्राचार्य की ओर से डीएलएड प्रशिक्षुओं को परिषदीय राजकीय सहायता प्राप्त एवं मान्यता प्राप्त किसी भी विद्यालय के बच्चे पढ़ाने की छूट दी गई है। लेकिन बच्चों का चयन करते समय उन्हें अपने प्रशिक्षण के प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक स्तर का ध्यान रखना होगा। अभी तक डीएलएड प्रशिक्षुओं को स्कूल प्रशिक्षण के लिए डायट प्रशासन द्वारा पत्र जारी किया जाता था। लेकिन इस दफा न तो डायट प्रशासन द्वारा स्कूलों के लिए कोई पत्र जारी किया गया है, और ना डीएलएड कराने वाले कॉलेजों द्वारा। जिसके कारण प्रशिक्षुओं को स्कूलों से बच्चों का डाटा एकत्र करने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। तमाम परिषदीय स्कूलों में प्रधानाध्यापक द्वारा इस कारण बच्चों का विवरण प्रशिक्षुओं को नहीं दिया गया। क्योंकि उनके पास कोई भी स्कूल के नाम अधिकृत नहीं था। डीएलएड प्रशिक्षुओं के माध्यम से संचालित होने वाली ऑनलाइन क्लास कितनी प्रभावी होगी यह तो आने वाला समय ही बताएगा ।
आसपास के स्कूली बच्चों को पढ़ाएं
डीएलएड प्रशिक्षुओं को अपने आसपास के कक्षा 1 से 3 अथवा कक्षा 6 से 8 के 10 बच्चों को चिह्नित कर उन्हें ऑनलाइन पढ़ाना है। प्रशिक्षु आसपास के स्कूलों से बच्चों का विवरण प्राप्त कर सकते हैं। लेकिन इसके लिए उनके संबंधित संस्थान को प्रशिक्षु द्वारा बताए गए स्कूल के प्रधानाध्यापक के नाम पत्र जारी करना होगा।
-विमलेश विजयश्री, डाइट प्राचार्य