एएनएम की एक वेतन वृद्धि रोकी, आशा को चेतावनी
एंबुलेंस में प्रसव करने के मामले की जांच पूरी कर ली गई। मामले में प्रथम दृष्टया कौरारा बुजुर्ग सब सेंटर की एएनएम, आशा दोषी पाई गईं। उनके खिलाफ तत्काल कार्यवाही की पुष्टि की गई। वहीं प्रकरण में जिला...
एंबुलेंस में प्रसव करने के मामले की जांच पूरी कर ली गई। मामले में प्रथम दृष्टया कौरारा बुजुर्ग सब सेंटर की एएनएम, आशा दोषी पाई गईं। उनके खिलाफ तत्काल कार्यवाही की पुष्टि की गई। वहीं प्रकरण में जिला संयुक्त चिकित्सालय के सीएमएस एवं 100 शैय्या महिला हॉस्पिटल के चिकित्साधिकारी को भी दोषी ठहराया गया।
पूरे प्रकरण की जांच मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा.शिव कुमार दीक्षित के निर्देश पर एसीएमओ डा.अरविंद श्रीवास्तव को सौंपी गई। मामले की गंभीरता को देखते हुए एसीएमओ ने शनिवार को ही पूरे प्रकरण की जांच करना प्रारंभ कर दिया। देर शाम को जांच अधिकारी ने अपनी रिपोर्ट सीएमओ को सौंप दी। रिपोर्ट के अनुसार पूरे प्रकरण में कौरारा बुजुर्ग सब सेंटर पर तैनात एएनएम और आशा ने हद दर्जे की लापरवाही बरती। रिपोर्ट में कहा गया कि दोनों ने ही प्रसूता सीमा पत्नी सर्वेश को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने में पूरी तरह लापरवाही बरती। इसके लिए एएनएम का एक वेतन वृद्धि रोकने के आदेश एवं आशा को चेतावनी दी गई। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि जिला संयुक्त चिकित्सालय शिकोहाबाद में 24 घंटे में प्रसव के लिए किसी भी महिला डॉक्टर की ड्यूटी न लगाने को मुख्य चिकित्सा अधिकारी दोषी हैं। इसके साथ ही 100 शैय्या हॉस्पिटल में मरीज के लेबर में पास होते हुए भी उसे प्रसव न कराकर आगरा रैफर करने को महिला चिकित्साधिकारी दोषी हैं। 11 अक्तूबर को थाना जसराना के नगला हिंदू निवासी सीमा पत्नी सर्वेश ने रेफरिंग के चलते एंबुलेंस में ही बच्चे को जन्म दिया था। इसे लेकर अधिकारियों में हड़कंप मच गया था।