गुस्साए वकीलों ने किया एसडीएम कोर्ट का बहिष्कार
तहसील परिसर में जलभराव सहित विविध समस्याओं को लेकर अधिवक्ताओं ने एसडीएम कोर्ट का बहिष्कार...
तहसील परिसर में जलभराव सहित विविध समस्याओं को लेकर अधिवक्ताओं ने एसडीएम कोर्ट का बहिष्कार किया। जिससे वादकारियों को अनेक दिक्कतों का सामना करना पड़ा। बाद में अधिवक्ताओं ने जिला मुख्यालय पहुंच कर डीएम को अपनी समस्याएं बताईं।
शुक्रवार को सदर तहसील पहुंचे अधिवक्ताओं ने तहसील कार्यालय में सुविधा शुल्क वसूली का विरोध करते हुए एसडीएम व तहसीलदार के न्यायालय का बहिष्कार कर दिया। अधिवक्ताओं के कोर्ट के मामलों की पैरवी न करने से वादकारी अपने मुकदमे की अगली तारीख लेकर घर वापस लौट गए। तत्पश्चात तहसील बार एसोसिएशन एवं रेवेन्यू बार एसोसिएशन का प्रतिनिधि मंडल जिला मुख्यालय पहुंच कर डीएम नेहा शर्मा से मिला। अधिवक्ताओं ने डीएम को अवगत कराया कि सदर तहसील परिसर में जलभराव के चलते वादकारी और अधिवक्ताओं को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। तहसीलदार व एसडीएम सदर से कई बार जलभराव की समस्या दूर कराने का अनुरोध किया जा चुका है। लेकिन कोई सुनवाई नहीं की गई। प्रदेश सरकार ने रीयल स्टेट में चल रही मंदी के मददे नजर स्टाम्प डयूटी बढ़ाने पर एक अगस्त 2018 से रोक लगा रखी है। फिर भी प्रशासन ने कई ऐसे संशोधन कर दिए थे। जिससे र्सिकल रेट स्वत: ही बढ़ गई। अधिवक्ताओं ने डीएम के समक्ष तहसील कार्यालय में पेशकार, बाबू और लेखपालों द्वारा आम जनता से हर कार्य की सुविधा शुल्क का रेट फिक्स कर दिए जाने का मामला उठाया। डीएम ने अधिवक्ताओं की समस्याओं को गंभीरता से सुना। शीघ्रता से निराकरण कराने का आश्वासन दिया। प्रतिनिधि मंडल में बार एसोसिएशन अध्यक्ष रामहंस यादव, हरीबाबू यादव, श्याम सिंह यादव, विजय प्रकाश यादव, दरवेन्द्र सिंह यादव, मुनेश पाल, अतिवीर सिंह, चरन सिंह यादव, विमल राठौर आदि शामिल शामिल रहे।