कांचनगरी में दूसरे दिन भी तनी रही घने कोहरे की चादर
कांचनगरी में लगातार दूसरे दिन भी घना कोहरा छाया रहा। जिसके चलते वाहन चालकों की मुश्किलें बढ़ी रही। सुबह से दोपहर तक सड़कों पर वाहनों की रफ्तार को...
कांचनगरी में लगातार दूसरे दिन भी घना कोहरा छाया रहा। जिसके चलते वाहन चालकों की मुश्किलें बढ़ी रही। सुबह से दोपहर तक सड़कों पर वाहनों की रफ्तार को ब्रेक लगते रहे। दोपहर बाद धूप खिलने पर लोगों को गलन भरी सर्दी से राहत मिल सकी।
मंगलवार को भी सुबह से दोपहर तक वातावरण में घना कोहरा छाया रहा। सुबह लोग जब घर से बाहर निकले तो चारों ओर कोहरे की सफेद चादर तनी नजर आई। घने कोहरे के चलते हाईवे के अलावा विभिन्न सड़कों पर वाहन रुक-रुककर चलते रहे। वाहन चालक दुर्घटना से बचने के लिए अपने वाहनों की लाइटें जलाकर सफर करते नजर आए। घने कोहरे की वजह से वाहन चालकों को अनेक तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ गया। दोपहर होने तक वाहनों की रफ्तार पर ब्रेक लगते रहे।
दूसरी ओर वातावरण में काफी गलन बनी रही। गलन भरी सर्दी से जनमानस परेशान होता रहा लोगों की दिनचर्या बिगड़ती रही। गलन भरी सर्दी से लोगों की कपकपी छूटती रही। सर्दी से बचने के लिए लोग अलाव का सहारा लेते नजर आए। दोपहर होने तक यही स्थिति बनी रही। दोपहर बाद आसमान में छाए बादलों से सूर्य देव बाहर निकल आए और तेज धूप खिल गई। तभी कोहरा भी धीरे-धीरे गायब हो गया। धूप खिलने पर जनमानस को सर्दी से राहत मिल गई। लोग जल्दी से अपने कामकाज में जुट गए। बुजुर्ग लोग कंबल रजाई को छोड़कर बाहर निकलकर धूप सेकने लगे। अनेक बच्चे भी खेलने के लिए घर से बाहर निकल आए। इधर शाम होते ही वातावरण में गलन फिर से बढ़ गई। इसी के साथ सर्दी का एहसास भी तेज हो गया। दिन ढलने पर तमाम लोग सर्दी से राहत पाने के लिए अलाव जलाकर बैठ गए।