
बंद कार में बेहोशी की हालत में पड़े मिले बाप-बेटे, अस्पताल पहुंचते ही दोनों की मौत
संक्षेप: सिद्धार्थनगर में बाप-बेटे मंगलवार को एक खड़ी कार में बेहोशी की हालत मिले। राहगीरों ने कार का दरवाजा खोलकर दोनों को अस्पताल पहुंचाया जहां डॉक्टरों ने बेटो को मृत घोषित कर दिया। वहीं, पिता की भी इलाज के दौरान मौत हो गई।
यूपी के सिद्धार्थनगर से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। जहां खेसरहा थाना क्षेत्र के बिशुनपुरवा गांव के रहने वाले बाप-बेटे मंगलवार को पथरा थाना क्षेत्र स्थित तिगोड़वा के पास खड़ी कार में बेहोशी की हालत मिले। राहगीरों ने कार का दरवाजा खोलकर दोनों को बांसी अस्पताल पहुंचाया जहां डॉक्टरों ने बेटो को मृत घोषित कर दिया। वहीं, पिता की भी इलाज के दौरान मौत हो गई। आशंका जताई जा रही है कि दोनों की मौत जहरीला पदार्थ खाने के कारण हुई है।

खेसरहा थाना क्षेत्र स्थित बिशुनपुरवा गांव के रहने वाले 55 साल के देवहंस चौबे का मंगलवार की दोपहर में परिवार में ही किसी से विवाद हो गया। विवाद के बाद देवहंस ने 11 साल के बेटे डेविड को कार में बैठाया और पथरा थाना क्षेत्र स्थित तिगोड़वा गांव की ओर निकल गए। उनकी कार काफी देर तक रामभारी-तिगोड़वा गांव के बीच सड़क के किनारे खड़ी रही। देर तक कार खड़ी देखकर कुछ लोगों को संदेह हुआ। उन्होंने कार के अंदर झांक कर देखा तो एक व्यक्ति और एक बालक दिखाई दिया। कार का दरवाजा लॉक था। लोगों ने महसूस किया कि कार में दोनों अचेत पड़े हैं। उनमें से कुछ लोगों ने प्रयास कर कार का दरवाजा खोला और दोनों को निकालकर बांसी अस्पताल में पहुंचाया।
डॉ. आरके सिंह ने डेविड को देखते ही मृत घोषित कर दिया। देवहंस चौबे की सांस चल रही थी। उनका तुरंत इलाज शुरू हो गया। हालांकि तकरीबन 20 मिनट बाद उनकी भी मौत हो गई। घटना की सूचना पाकर बांसी कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंच गई। पिता-पुत्र की मौत की सूचना गांव में पहुंची तो कोहराम मच गया। बड़ी संख्या में ग्रामीण अस्पताल पर पहुंच गए। बांसी कोतवाली प्रभारी संतोष कुमार तिवारी ने बताया कि अस्पताल से सूचना मिलने पर वह पहुंचे। पिता-पुत्र का शव पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है। दोनों की मौत का कारण पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से ही स्पष्ट हो सकेगा।





