चौकी स्टाफ को बचाने के लिए लिखी गलत कहानी
फतेहपुर। संवाददाता पुलिस चौकी में युवक के जान देने के प्रयास के मामले में...
फतेहपुर। संवाददाता
पुलिस चौकी में युवक के जान देने के प्रयास के मामले में पुलिस द्वारा दी गई सफाई पर अब सवाल खड़े हो रहे हैं। डाक्टर द्वारा फांसी की बात को स्पष्ट करने के बाद भी पुलिस द्वारा साफ नकारना सवाल खड़ा करता है। सवाल यह उठता है कि क्या पुलिस ने चौकी स्टाफ को बचाने के लिए फर्जी कहानी मीडिया के सामने रख दी।
गाजीपुर कस्बे के रहने वाले ज्ञान सिंह ने शनिवार को राधानगर पुलिस चौकी में जान देने का प्रयास किया था। बाथरूम में फांसी लगाने के बाद जहां पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। वहीं दूसरी ओर तत्काल चौकी स्टाफ को बचाने की जद्दोजहद शुरू हो गई थी। युवक को गंभीर हालत में कानपुर रेफर किया गया था। जहां हैलट अस्पताल में अब युवक की स्थिति ठीक बताई जा रही है। घटना के कुछ ही देर बाद पूरे मामले की पुलिस ने कहानी तैयार कर ली और युवक की तबीयत खराब होने की बात कही और फांसी जैसी घटना से साफ इनकार कर दिया। उधर, दूसरी तरफ शनिवार की शाम को इमरजेंसी ड्यूटी पर तैनात डाक्टर का इसी मामले का वीडियो वायरल हो गया था। जो कि पुलिस पर भारी पड़ गया। डाक्टर ने स्पष्ट तौर पर कहा कि ज्ञान सिंह के गले में निशान थे जो कि फांसी जैसी घटना के प्रतीत हो रहे थे। वहीं उन्होंने उसके द्वारा जहरीला पदार्थ खाने की भी बात कही है। अब डाक्टर के वायरल बयान पुलिस पर ही उल्टा हावी हो गए हैं। इससे यह जरूर स्पष्ट हो रहा है कि पुलिस महकमे के जिम्मेदार लगातार चौकी स्टाफ को बचाने की जुगत में लगे हैं।
