न बारिश न नहर में पानी, भरे भादौ सूखने लगे धान की फ़सल
संक्षेप: Fatehpur News - फतेहपुर के असोथर क्षेत्र में धान की फसल सूख रही है। किसान सिंचाई के पानी की कमी से परेशान हैं। नहर विभाग और मौरंग खदान संचालकों की जुगलबंदी के कारण 10,000 किसान संकट में हैं। कटौता माइनर में पानी की...
फतेहपुर, संवाददाता। धान का कटोरा कहे जाने वाला असोथर का इलाका इन दिनों सिंचाई के पानी को लेकर तरस रहा है। पानी में अभाव में धान की फ़सल सूखने लगी है। जिससे किसानो में हाय तौबा मची हुई है। पानी की किल्ल्त से जूझ रहें किसानों का आरोप है कि नहर विभाग व मौरंग खदान संचालकों की मजबूत जुगलबंदी के कारण करीब दस हजार किसान फांकाकसी की राह पर है।कठौता माइनर में क्षतिग्रस्त सागर ढोला पुलिया से पानी आगे नहीं निकल रहा है। बांदा जनपद के मर्का खादर खंड एक मौरंग खदान संचालको द्वारा बनाया गया किराये की भूमि बाईपास के कारण जो कुलाव नम्बर तीन की नाली को क्रास करता है।उसमें
संचालकों द्वारा सीमेंटेड ढोलों को डालकर नाली के पानी को रास्ता दिया गया था, लेकिन खदान बंन्द होते होते अप्रैल मई में वह ढोले टूट कर चकनाचूर हो गये, जिसे साफ करना किसानों के बस की बात नहीं है। जैसे तैसे किराये के पानी से किसानों द्वारा धान की रोपाई की गई, लेकिन अब जब मौसम की बारिश नहीं हो रही है और धान सूखने की स्थिति में है और किसान परेशान है तब मौरंग खदान संचालकों द्वारा ढेंगा दिखाया जा रहा है, जिससे करीब हजारों किसान आहत हैं।

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