गोलियों की तड़तड़ाहट से थर्राया गौरी गांव, दहशत
पुलिस के दावों को खोखला साबित करते हुए सोमवार की रात बदमाशों ने फिर से गौरी गांव में अपनी सक्रियता बढ़ाई। पहले से ही बदमाशों की आमद होने की सूचना दे रहे ग्रामीणों ने मोर्चा संभाला और फायरिंग कर दी।...
पुलिस के दावों को खोखला साबित करते हुए सोमवार की रात बदमाशों ने फिर से गौरी गांव में अपनी सक्रियता बढ़ाई। पहले से ही बदमाशों की आमद होने की सूचना दे रहे ग्रामीणों ने मोर्चा संभाला और फायरिंग कर दी। जवाब में बदमाशों ने भी गोलियां चलाई। रात को ताबड़तोड़ फायरिंग से गांव में दहशत फैल गई। इसकी सूचना पुलिस को दी गई तो करीब घंटेभर देर बाद पुलिस वहां पहुंची। चर्चा है कि घटनास्थल पर पहुंची होश में नहीं थी और ग्रामीणों को ही जेल की हवा खिलाने की धमकी देकर वहां से चली गई।
बता दें कि पिछले कुछ दिन से गौरी गांव के अंदर रात को असलहाधारी बदमाशों की मूवमेंट देखी गई थी। इसे लेकर लोगों ने पुलिस को सतर्क किया और कहा कि रात में संदिग्धों की सक्रियता के चलते लोग डरे हुए हैं और कभी भी कोई घटना हो सकती है। पुलिस ने इसे गांव के ही दो पक्षों की पेशबंदी का नाम देकर पल्ला झाड़ लिया। सोमवार की रात करीब साढ़े 11 बजे कुछ लोग फिर से असलहा लेकर गांव के अंदर दाखिल हुए तो ग्रामीणों को इसकी भनक लगी और उन्होंने एकजुटता दिखाते हुए फायरिंग शुरू की। गोली चलते ही बदमाशों ने भी हवा में गोलियां दागनी शुरू कर दी। रात में गोली चलने की आवाज सुनकर लोग जग गए और बदमाशों के आमद की भनक पर वह सहम भी आए। बदमाशों के साथ फायरिंग की सूचना पुलिस को दी गई। ग्रामीणों ने बताया कि करीब आधे घंटे में 100 नंबर की गाड़ी पहुंची लेकिन वह मौके तक नहीं आ सकी। जबकि ललौली पुलिस एक घंटे बाद आई। तब तक फायरिंग बंद हो चुकी थी। आरोप है कि पुलिस रात में होश में नहीं थी और एक जिम्मेदार व्यक्ति द्वारा ग्रामीणों को ही जेल की हवा खिलाने की धमकी दी गई। इसके बाद पुलिस वापस लौट गई। इसी क्रम में महाखेड़ा गांव में भी बदमाशों की मूवमेंट बनी रही लेकिन गौरी गांव के घटना की खबर पर महाखेड़ा के लोग भी सतर्क रहे।