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हद है, परिषदीय बच्चों से कराई जा रही ईंट ढुलाई

बाल मजदूरी कानूनन अपराध है, यह भले ही कानून की दृष्टि में है, लेकिन परिषदीय विद्यालयों में यह कानून कोई मायने नहीं रखता है। शायद यही वजह है कि विकास खण्ड देवमई के हिम्मतपुर प्राथमिक स्कूल में...

हद है, परिषदीय बच्चों से कराई जा रही ईंट ढुलाई
हिन्दुस्तान टीम,फतेहपुरFri, 28 Feb 2020 09:43 PM
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बाल मजदूरी कानूनन अपराध है, यह भले ही कानून की दृष्टि में है, लेकिन परिषदीय विद्यालयों में यह कानून कोई मायने नहीं रखता है। शायद यही वजह है कि विकास खण्ड देवमई के हिम्मतपुर प्राथमिक स्कूल में नौनिहाल बच्चों द्वारा ईंट ढुलाई कराने का वीडियो वायरल हो गया। जिसमें स्पष्ट किया गया है कि बच्चे ईंट लेकर परिसर में खड़े ट्रैक्टर में लाद रहे हैं।

विद्यालय की प्रधानाध्यापिका अर्चना देवी को स्कूल के बच्चों से बाल मजदूरी कराने से कोई गुरेज नहीं है। इनके द्वारा स्कूल के छोटे बच्चों से स्कूल की सफाई कराने और ईंट ढुलवाने का सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो के अनुसार देवमई विकास खण्ड के प्राइमरी स्कूल की प्रधानाध्यापिका स्कूल के बच्चों से रोजाना स्कूल की साफ सफाई कराती हैं। हद तो तब हो गई जब बच्चों से ईंट मौरंग को ढुलवाने काम कराया गया। सरकार द्वारा बाल मजदूरी के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान की परवाह किए बिना मजदूरों का काम ले लिया गया। सवाल यह उठता है कि स्कूल बच्चों को शिक्षित और सांस्कारिक बनाने के लिए होता है या बाल मजदूरी कराने के लिए होता है। स्कूल में बच्चों से बाल मजदूरी कराने को लेकर अभिभावकों ने भी ऐतराज जताया है। बीएसए शिवेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि वायरल वीडियो पर प्रधानाध्यापिका ने सफाई दी है कि मजदूर ईंट ढुल रहे थे, जहां बच्चे उनके साथ स्वेच्छा से ढुलाई करने लगे लेकिन यह बात तर्कसंगत नहीं हैं, प्रधानाध्यापिका से स्पष्टीकरण तलब करते हुए बीईओ को जांच सौंपी गई है। रिपोर्ट आने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी

अपने मन से काम कर रहे थे बच्चे

बाल मजदूरी कराने को लेकर प्रधानाध्यापिका अर्चना देवी से पूछा गया तो उन्होंने ने बताया कि बच्चे अपनी मर्जी से ईंट ढो रहे थे। अब यह सवाल उठता है कि यहां तैनात दो अध्यापक और एक शिक्षामित्र हैं और बच्चे पढ़ने की जगह ईंट ढो रहे हैं। उन पर अध्यापकों का कोई अंकुश नहीं है। अध्यापक स्कूल को सिर्फ पिकनिक स्पॉट समझते हैं।

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