फतेहपुर। निज संवाददाता
एक सप्ताह से गलन भरी सर्दी के साथ रात में न्यूनतम चार डिग्री तापमान की मार से परेशान लोगों को शुक्रवार को बादल छा जाने से और मुसीबत का सामना करना पड़ा। हालांकि सुबह करीब 11 बजे के बाद बादलों की ओट से सूर्य की किरणें जमीन पर पहुंची तो लोगों को मानों जान मिल गई हो। एक सप्ताह से पड़ रही गलन भरी सर्दी से इंसान समेत पशु पक्षी भी खासे बेहाल हैं। हालांकि धूप के बीच भी गलन भरी हवाओं ने पीछा नहीं छोड़ा। शाम होते होते गलन ने फिर से अपना तीखा असर दिखाना शुरू कर दिया।
कई दिनों से लुढ़कता पारा शुक्रवार को न सिर्फ स्थिर हुआ बल्कि ऊपर चढ़ता नजर आया। एक दिन पूर्व गुरुवार को न्यूनतम पारा 5 डिग्री के आसपास पहंुच गया था। वहीं अधिकतम तापमान 17 डिग्री दर्ज किया गया। शुक्रवार को न्यूनतम पारा एक डिग्री उछला और 6 डिग्री पर पहुंच गया। सुबह आसमान में घने बादल छा जाने से बारिश की भी आशंका बढ़ गई लेकिन बाद में मौसम कुछ साफ हुआ और धूप निकली। सर्दीली हवाओं ने नए साल के मजे को भी किरकिरा किया। हालांकि 11 बजे के आसपास धूप निकली तो लोगों के चेहरों में चमक दिखाई दी। लोगों ने घरों से बाहर निकलकर धूप का आनंद उठाया। दिनभर बाजारों में चहल-पहल रही। बच्चों ने अपने खेल का सामान लेकर पार्को एवं मैदान में पहुंच गए और खेलकर आनंद लिया। धूप की किरणें प्रखर होने से तापमान में भी इजाफा हुआ। हालांकि शाम होते ही फिर बर्फीली हवाएं सितम ढाने लगी। गलन में इजाफा हो गया। लोग सर्दी से बचाव के लिए स्वेटर, जैकेट व मफलर से लैस दिखे। शाम को जगह-जगह अलाव धधकने लगे। शाम होने के बाद धुंध का असर बढ़ गया। गलन भी तेज हो गई। शाम छह बजे के बाद सर्दी को देख दुकानें बंद होने लगीं। बाजारों में सन्नाटा पसर गया।
गलन भरी सर्दी में आवारा पशुओं की हालत खराब
गलन भरी सर्दी में इंसानों समेत पशु पक्षियों की ही शामत आ रही है। सर्दी का आलम यह है कि नगर पालिका द्वारा जलवाए गए अलाव में इंसान एवं पशु एक साथ सर्दी से बचने का प्रयास करते नजर आते हैं। सर्दी के कारण न ही इंसानों को पशुओं से कोई मतभेद तो वहीं पशुओं को भी इंसानों से कोई गुरेज होता प्रतीत होता है। देर रात में पशुओं का अलाव में एकछत्र राज हो जाता है और पशुओं का झुंड अलाव को घेर लेता है।
सर्दी से फसलों को मिल रही राहत
गलन भरी सर्दी में फसलों के लिए अभी कोई खास नुकसान नहीं दिख रहा है। किसानों की मानें तो अच्छी सर्दी पड़ने से गेहूं की फसल के लिए बेहतर होता है। अभी कोहरा एवं पाला का प्रभाव नहीं होने से फूलवाली फसलें सरसो, चना मटर आदि की फसलों को भी नुकसान होने से राहम मिल रही है। यदि कोहरा एवं पाला पड़ा तो फसलों को अत्यधिक नुकसान की आशंका प्रबल हो जाती है।